Bihar Politics: तेजस्वी आवास के बाहर भाजपा के ‘मिश्री’ की मौजूदगी, हो रही है सियासी पकवान में नए स्वाद की तैयारी! मची खलबली

Bihar Politics: बिहार की सियासत में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला. बीजेपी विधायक मिश्री लाल यादव का नाम अचानक राजनीतिक चर्चा के केंद्र में आ गया है...

तेजस्वी आवास के बाहर भाजपा के ‘मिश्री’ की मौजूदगी- फोटो : social Media

Bihar Politics: बिहार की सियासत में  एक अनोखा दृश्य देखने को मिला. दरभंगा के अलीपुर से बीजेपी विधायक मिश्री लाल यादव का नाम अचानक राजनीतिक चर्चा के केंद्र में आ गया, जब खबर आई कि वे मंगलवार (12 अगस्त 2025) को तेजस्वी यादव के सरकारी आवास के बाहर देखे गए. सियासी गलियारों में तुरंत कयासबाज़ी शुरू क्या मिश्री लाल, आरजेडी से टिकट लेने के मूड में हैं? या यह सिर्फ एक संयोग था?

मामला यूं हुआ कि तेजस्वी यादव के आवास के बाहर, उनके बेटे को सुरक्षाकर्मियों से बातचीत करते देखा गया. इसी दौरान पास में एक काले रंग की बड़ी गाड़ी खड़ी थी, जिसमें कथित तौर पर मिश्री लाल यादव मौजूद थे. लेकिन जैसे ही मीडिया का कैमरा नज़दीक आया, बताया जाता है कि मुलाक़ात टल गई और वे गाड़ी से बाहर नहीं आए.

ख़ुद मिश्री लाल यादव ने इन अटकलों को झूठा बताते हुए कहा कि मेरे बारे में झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं. मैं तेजस्वी के आवास के पास गाड़ी में नहीं था. पटना हाईकोर्ट में काम से गया था, फिर अपने क्षेत्र लौट रहा था. मेरा बेटा वहां गया था या नहीं, मुझे नहीं मालूम.

मिश्री लाल यादव की राजनीतिक यात्रा कम दिलचस्प नहीं रही है. 2003 से 2009 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे, फिर 2020 के विधानसभा चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी से जीत हासिल की. 2022 में पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया. लेकिन विवादों से भी उनका पुराना रिश्ता रहा है 20 जून 2025 को उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी, जब दरभंगा के एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक पुराने मामले में 27 मई 2025 को उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी.

हालांकि, पटना हाईकोर्ट ने 18 जुलाई 2025 को निचली अदालत का आदेश निरस्त कर दिया और उनकी सदस्यता बहाल हो गई. यह पृष्ठभूमि ही वजह है कि तेजस्वी के आवास के बाहर उनका नाम आते ही सियासी हलचल तेज हो जाती है.

अब सवाल यह है क्या यह एक इत्तेफ़ाक था कि उनके बेटे को तेजस्वी के गेट पर देखा गया, या यह किसी बड़े राजनीतिक समीकरण की शुरुआती झलक? बिहार की राजनीति में, जहां पाला बदलना आम है, वहां एक गाड़ी का ठहरना भी सुर्खियां बना देता है. फिलहाल, मिश्री लाल के इंकार के बावजूद, अफ़वाहों की रफ़्तार एनएच-31 से भी तेज़ चल रही है.