डिजिटल अरेस्ट का 'मास्टरमाइंड' गिरफ्तार : पटना में महिला प्रोफेसर से 3 करोड़ की ठगी करने वाला बंगाल से गिरफ्तार, ऐसे खुला राज
पटना की रिटायर्ड महिला प्रोफेसर ज्योति वर्मा से 3 करोड़ की ठगी हुई थी। ठगी करने वाला शातिर एक साल बाद बंगला में पकड़ा गया है। जिसकी पहचान शुभम राय के रूप में हुई है, जो हुगली के सरेमपुर का निवासी है।
यह मामला नवंबर 2024 का है, जब पटना के कदमकुआं की रहने वाली एक रिटायर्ड प्रोफेसर को ठगों ने अपना शिकार बनाया। जालसाजों ने क्रेडिट कार्ड के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग होने का झूठा डर दिखाया और खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर महिला को 48 घंटे तक 'डिजिटल अरेस्ट' रखा। इस दौरान उन्हें डराने के लिए फर्जी अरेस्ट वारंट भी भेजा गया, जिससे घबराकर महिला ने अपनी तीन एफडी (FD) तोड़कर पूरे 3 करोड़ रुपये ठगों के बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए।
बेटे की सतर्कता से खुला राज
ठगी का सिलसिला तब थमा जब महिला के बेटे ने उन्हें फोन किया। मां की बदली हुई आवाज और परेशानी देखकर बेटे को शक हुआ। काफी पूछने पर प्रोफेसर ने पूरी बात बताई, जिसके बाद परिवार को समझ आया कि यह एक साइबर फ्रॉड है। इसके तुरंत बाद पटना साइबर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई। जांच में पता चला कि ठगों ने आरबीआई के नाम पर एनओसी देने के बहाने अतिरिक्त 7.50 लाख रुपये की भी मांग की थी।
बंगाल से हुई मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
इस मामले में एक साल से ज्यादा समय तक चली जांच के बाद पश्चिम बंगाल की कल्याणी साइबर पुलिस ने मुख्य आरोपी शुभम रॉय को गिरफ्तार किया है। शुभम पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के सरेमपुर इलाके का रहने वाला है। बंगाल पुलिस दरअसल एक अन्य 'डिजिटल अरेस्ट' केस (जिसमें एक करोड़ की ठगी हुई थी) की जांच कर रही थी, जिसका सुराग शुभम तक पहुंचा। गिरफ्तारी के बाद जब कल्याणी पुलिस ने रिकॉर्ड खंगाले, तो उसका संबंध पटना वाली 3 करोड़ की बड़ी ठगी से भी जुड़ गया।
रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी पटना पुलिस
शुभम रॉय की गिरफ्तारी की सूचना पश्चिम बंगाल पुलिस ने पटना पुलिस को साझा की है। चूंकि पटना में 3 करोड़ की ठगी का मुख्य मामला दर्ज है, इसलिए पटना साइबर सेल की टीम जल्द ही आरोपी को रिमांड पर लेकर बिहार लाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि शुभम से पूछताछ के बाद इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह के अन्य सदस्यों और ठगी गई राशि की रिकवरी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी।