Patna Firing:क्रिकेट नहीं खिलाया तो काट दिया बवाल, पटना के पार्क में ताबड़तोड़ फायरिंग, एसटीएफ ने सिरफिरे शूटर निखिल को दबोचा
Patna Firing: पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र में शनिवार रात एक पार्क गोलियों की गूंज से दहल उठा। जहां बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे, चानक बाइक पर सवार होकर पहुंचे बदमाशों ने ताबड़तोड़ तीन से चार राउंड फायरिंग कर पूरे इलाके को दहशत के साए में झोंक दिया..
Patna Firing:पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र में शनिवार रात एक पार्क गोलियों की गूंज से दहल उठा। जहां बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे, वहीं अचानक बाइक पर सवार होकर पहुंचे बदमाशों ने ताबड़तोड़ तीन से चार राउंड फायरिंग कर पूरे इलाके को दहशत के साए में झोंक दिया।इस हॉरर शो का मास्टरमाइंड कोई पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि मलाही पकड़ी इलाके का रहने वाला सिरफिरा युवक निखिल कुमार निकला—जिसने सिर्फ इसलिए गोली चलाई क्योंकि उसे बच्चों ने क्रिकेट खेलने से मना कर दिया था।
पुलिस के अनुसार, निखिल पहले से ही पत्रकार नगर थाने में दर्ज एक फायरिंग केस में वांछित था। शनिवार रात वह अपने दोस्तों के साथ एफ सेक्टर पार्क पहुंचा, जहां बच्चों ने उसे अपने खेल में शामिल करने से इनकार कर दिया। इसी बात पर बौखलाया निखिल अपने साथियों के साथ पार्क से निकला, लेकिन थोड़ी देर में ही बाइक से लौटकर पार्क में ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
करीब 7:30 बजे के आसपास पार्क में गोलियों की आवाज गूंजी, जिससे वहां मौजूद दर्जनों लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। बच्चों की चीख-पुकार और परिजनों की हड़बड़ाहट के बीच बदमाश मौके से फरार हो गए।पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो एक देसी कट्टा और एक बाइक पार्क में लावारिस हालत में बरामद हुई। यहीं से फायरिंग की साजिश की परतें खुलनी शुरू हुईं।
फायरिंग की गंभीरता को देखते हुए पटना एसटीएफ को कार्रवाई में लगाया गया। तेजतर्रार टीम ने इलाके में छापेमारी कर मुख्य आरोपित निखिल और उसके एक साथी को धर दबोचा।पूछताछ में निखिल ने कबूल किया कि वह क्रिकेट नहीं खेलने देने पर गुस्से में था, और इसी के चलते उसने कट्टे से फायरिंग की।
पुलिस ने पार्क के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली है और फायरिंग में शामिल बाकी दो आरोपियों की भी पहचान कर ली गई है। उनके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। पटना में सिरफिरे युवाओं की इस तरह की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं, जहां मामूली विवाद में ही बंदूक निकालना अब आम हो चला है। सवाल ये है—क्या पार्क अब खेलने के लिए हैं या गोली खाने के लिए?