'वोट चोर हैं पीएम मोदी, वोट चोरी के बल पर ही सरकार में', तेजस्वी यादव का 10 विधानसभा सीटों पर मिली हार पर बड़ा दावा
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी और चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं जिसमें वोट चोरी करने की बातें कही गई हैं.
Tejashwi Yadav : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में कोई करिश्मा नहीं है. वे वोट चोर हैं और वोट चोरी के बल के पर सरकार में हैं. बिहार में हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सवाल उठा रहे राजद नेता बार बार भाजपा पर चुनाव आयोग से मिलकर वोटिंग को प्रभावित करने का आरोप लगा रहे हैं. इसी क्रम में एक बार फिर से तेजस्वी यादव ने कहा है कि पीएम मोदी चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के बल पर चुनाव जीत रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया जिसमें पीएम मोदी और भाजपा पर कटाक्ष किया है.
तेजस्वी ने कहा, 'प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का कहीं कोई करिश्मा नहीं है ये चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के बल पर चुनाव जीत रहे है। 2020 में इन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में हमें 12,756 वोट के अंतर से 10 से अधिक सीटें जबरन हराई। महाराष्ट्र, हरियाणा और मध्यप्रदेश में भी यही हुआ। ये वोट चोर है और वोट चोरी के बल पर सरकार में है।'
भीखू भाई दलसानिया का फर्जीवाड़ा
इसके पहले उन्होंने उन्होंने भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है. तेजस्वी ने SIR की खामियों को उजागर करते हुए बताया है कि गुजरात मूल के भीखू भाई दलसानिया ने लोकसभा चुनाव में गुजरात में वोट डाला, वहीं अब वे बिहार में वोटर बन गए हैं क्योंकि यहां विधानसभा चुनाव है.
तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- 'ये भीखू भाई दलसानिया जी है। ये गुजरात के रहने वाले है। बिहार बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री है। प्रधानमंत्री मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह जी के खास विश्वासपात्र है। इन्हें BJP के विशेष #बिहार प्रॉजेक्ट पर लगाया गया है। 2024 लोकसभा में इन्होंने गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर में मतदान किया था। अब बिहार में विधानसभा चुनाव है तो गुजरात से नाम कटवा कर अब बिहार के मतदाता बन गए है। बिहार चुनाव खत्म होगा तो फिर दूसरे राज्य के बन जायेंगे। उन्हें बताना चाहिए कि वे पाँच वर्ष में कितनी बार और कितने राज्यों में मतदान करते है।
गुजराती में पहचान पत्र
बिहार में जिस जगह के मतदाता बने है उस मतदाता सूची में इनका कोई पता और मकान संख्या अंकित नहीं है। बिहार की मतदाता सूची में इनका नाम हिंदी में नहीं बल्कि गुजराती भाषा में ही लिखा हुआ है ताकि कोई हिंदीभाषी पढ़ ना सके। चुनाव आयोग की महिमा अपरंपार है लेकिन इस बार हम भी एक एक चीज़ देख रहे है। बिहार में चुनाव आयोग की वोट चोरी नहीं चलने देंगे।'