Bihar Politics:कोसी-मेची लिंक का शिलान्यास करेंगे पीएम मोदी, बाढ़ से मिलेगी मुक्ति, देंगे बिहार को चुनावी सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को अपने प्रस्तावित पूर्णिया दौरे के दौरान कोसी-मेची लिंक परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं। इसको लेकर पटना और दिल्ली स्तर पर तेज़ी से तैयारी शुरू हो गई है।...

कोसी-मेची लिंक का शिलान्यास करेंगे पीएम मोदी- फोटो : social Media

Bihar Politics:बिहार चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार राज्य को एक बड़ी सौगात देने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को अपने प्रस्तावित पूर्णिया दौरे के दौरान कोसी-मेची लिंक परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं। इसको लेकर पटना और दिल्ली स्तर पर तेज़ी से तैयारी शुरू हो गई है।यह महत्वाकांक्षी परियोजना बिहार के लिए ऐतिहासिक मानी जा रही है। राज्य में “बिहार का शोक” कही जाने वाली कोसी नदी हर बरसात में तबाही मचाती है। योजना का मक़सद है कि बाढ़ के दौरान कोसी नदी का अधिशेष पानी मेची नदी में पहुंचाया जाए। इससे एक तरफ़ बाढ़ पर नियंत्रण मिलेगा, वहीं दूसरी ओर किसानों को अतिरिक्त सिंचाई का लाभ भी होगा।

पटना एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और केंद्रीय राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ बैठक की। बैठक में विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने प्रेज़ेंटेशन के ज़रिए परियोजना का विस्तृत खाका प्रस्तुत किया।

मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि इस योजना से 2.15 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित होगी। साथ ही 41 किलोमीटर लंबाई में पूर्वी मुख्य नहर का पुनरुद्धार और मेची नदी का विस्तारीकरण किया जाएगा। उनका कहना है कि“यह परियोजना बाढ़ शमन और कृषि विकास दोनों की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।”

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्रियों ने कोसी-मेची क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और परियोजना से जुड़े अहम बिंदुओं का जायज़ा लिया। इसके साथ ही पश्चिमी कोसी नहर पुनर्स्थापन परियोजना और बागमती तटबंध परियोजना पर भी चर्चा की गई।

जानकार मानते हैं कि इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से बिहार की बाढ़ सुरक्षा प्रणाली मज़बूत होगी। तटबंध, नहर और रिंग बांधों की संरचना मजबूत बनेगी, जिससे आपदा के समय जीवन और संपत्ति की सुरक्षा हो सकेगी। साथ ही पर्याप्त जल आपूर्ति से किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी।

हालांकि, इस परियोजना को लेकर वित्तीय अड़चनें लंबे समय से बनी रही हैं। नीतीश सरकार बार-बार केंद्र से 90:10 अनुपात में फंडिंग (90% केंद्र और 10% राज्य) की मांग करती रही है। धनराशि को लेकर ही अब तक परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई थी। लेकिन अब केंद्र सरकार के सीधे हस्तक्षेप के बाद इसके शुरू होने की संभावना मज़बूत हो गई है।राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि चुनावी माहौल में पीएम मोदी का यह शिलान्यास विकास और वोट दोनों की रणनीति का हिस्सा है।