Bihar Police: थानेदार ने रेप पीड़िता का दर्ज नहीं किया केस, अब पुलिस मुख्यालय ने लिया बड़ा एक्शन, कई SHO लाइन हाजिर
Bihar Police: राजधानी पटना में रेप पीड़िता का केस दर्ज नहीं करना थानेदार को हंगामा पड़ा है। पुलिस मुख्यालय ने थानेदार पर बड़ा एक्शन लिया है। साथ ही अन्य 4 SHO को लाइन हाजिर किया है...
Bihar Police: पटना के कंकड़बाग थाने में दुष्कर्म पीड़िता की एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने के मामले में थानेदार मुकेश कुमार को पुलिस लाइन भेज दिया गया है। दरअसल, पुलिस मुख्यालय ने एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई के तहत कई थानेदारों को उनके पदों से हटा दिया गया है, जबकि कुछ नए अधिकारियों को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
पीड़ित की दर्ज नहीं हुई थी शिकायत
बताया जा रहा है कि पीड़िता थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची थी लेकिन कार्रवाई के बजाय उसे दानापुर थाने भेज दिया गया। जबकि कंकड़बाग पुलिस चाहती तो जीरो एफआईआर दर्ज कर सकती थी। सूत्रों के मुताबिक, अलग-अलग कारणों से सुल्तानगंज थानेदार मनोज कुमार, पीरबहोर थानेदार अब्दुल हलीम, चौक थानाध्यक्ष दुष्यंत कुमार सिंह और बेऊर थानेदार अमरेंद्र कुमार को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है।
इनको मिली जिम्मेदारी
इनके स्थान पर नए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। सज्जाद गद्दी को पीरबहोर थाने का नया प्रभारी बनाया गया है। इससे पहले वे बिहटा में सर्कल इंस्पेक्टर थे। कुमार रौशन, जो पाटलिपुत्र थाने में तैनात थे, अब सुल्तानगंज के नए थानेदार होंगे। अभय कुमार सिंह (पूर्व पत्रकारनगर थानेदार) को कंकड़बाग थाने की जिम्मेदारी दी गई है। राजीव कुमार (विशिष्ट आसूचना इकाई) को बेऊर का नया थानाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। मंजीत कुमार ठाकुर, जो पहले खुशरुपुर में तैनात थे, अब चौक थाने की कमान संभालेंगे। फिलहाल पत्रकारनगर और खुशरुपुर थानों के लिए नए थानेदारों की घोषणा नहीं की गई है। इससे पहले गांधी मैदान थानेदार को गोपाल खेमका हत्याकांड में लापरवाही बरतने पर हटाया गया था।
दूसरे जिलों से 11 नए इंस्पेक्टरों की तैनाती
इसके अलावा पटना में विधि-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को मजबूत करने के उद्देश्य से अन्य जिलों से 11 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को तैनात किया गया है। इनमें दो अधिकारी विवादों में भी रहे हैं। एक पर शराब प्रकरण में विभागीय कार्रवाई हुई थी जबकि दूसरे पर ‘खस्सी पार्टी’ करने का मामला सामने आया था। हालांकि इस सूची में कई तेज-तर्रार और ईमानदार अधिकारी भी शामिल हैं जिनसे पटना में कानून-व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है।