Bihar Politics: प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश को दिया 1 महीने का अल्टीमेटम, इन सवालों का नहीं दिए जवाब तो फिर...पीके का बड़ा ऐलान..

Bihar Politics: जनसुुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश को अल्टीमेटम दे दिया है। पीके ने एक महीने के अंदर सीएम नीतीश से कहा है कि वो उनके द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब नहीं तो....

प्रशांत किशोर
सीएम नीतीश को पीके का अल्टीमेटम - फोटो : reporter

Bihar Politics: जन सुराज पार्टी ने सोमवार को एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार की राजनीति में विपक्ष की भूमिका, राज्य सरकार की योजनाओं की नाकामी और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी संस्थापक प्रशांत किशोर और अध्यक्ष मनोज भारती मौजूद रहे। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में आज विपक्ष केवल नाम का रह गया है। "जो विपक्ष सत्ता में नहीं है, वह भी केवल सरकार में आने का इंतजार कर रहा है। जनता की आवाज उठाने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।

तीन प्रमुख मुद्दों पर सरकार से जवाबदेही की मांग

जन सुराज पार्टी ने तीन जनसरोकार से जुड़े बड़े मुद्दों जातीय जनगणना, रोजगार सहायता योजना, और भूमि सर्वे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि जातीय जनगणना का उपयोग सामाजिक लाभ पहुंचाने के बजाय राजनीतिक ध्रुवीकरण के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि, "बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े जारी हुए लेकिन इससे जनता को कोई ठोस लाभ नहीं मिला। 34% लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं और सिर्फ 5% से भी कम दलित-पिछड़े छात्र इंटर तक की पढ़ाई कर पाते हैं।" 

रोजगार और आवास योजनाओं पर उठाए सवाल

पीके ने आरोप लगाया कि, 94 लाख परिवारों को 2 लाख रुपये की रोजगार सहायता देने का वादा अब तक कागजों तक सीमित है। पीके ने कहा कि, "दो साल बाद भी एक भी परिवार को एक रुपया नहीं मिला। 39 लाख परिवारों को आवास निर्माण के लिए आर्थिक सहायता का ऐलान हुआ था, लेकिन कितनों को मिला, सरकार चुप है।" 

भूमि सर्वे घोटाले पर गंभीर आरोप

प्रशांत किशोर ने भूमि सुधार सर्वेक्षण को लेकर भी नीतीश सरकार पर निशाना साधा। "2013 से शुरू हुआ सर्वे अब तक सिर्फ 20% ही पूरा हुआ है। बिहार में भूमि विवाद अब हत्याओं की वजह बन रहे हैं और अधिकारी इसे धन उगाही का जरिया बना चुके हैं।"

एक महीने का अल्टीमेटम, नहीं तो...

जन सुराज ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर एक महीने में इन मुद्दों पर श्वेत पत्र जारी नहीं किया गया तो 11 मई से 11 जुलाई तक एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद विधानसभा के अंतिम सत्र में पार्टी विधानसभा का घेराव करेगी।

वक्फ बिल, जनसंख्या नियंत्रण और शराबबंदी पर भी प्रतिक्रिया

प्रशांत किशोर ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कहा कि उसमें यह कहीं नहीं लिखा गया है कि अवैध रूप से ली गई जमीन को सरकार गरीबों को सौंपेगी। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण पर कहा कि "महिलाओं को शिक्षित किए बिना यह कानून बेअसर रहेगा। बार-बार मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना अनुचित है।"

नीतीश और मोदी दोनों पर साधा निशाना

प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री मोदी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने पीएम मोदी से पूछा कि, "2014 से अब तक मोदी जी हर बार बिहार के गरीबों के पैसे से स्वागत पा रहे हैं। चीनी मिलें चालू करने और 1.20 लाख करोड़ की सहायता की घोषणाओं का क्या हुआ?" प्रशांत किशोर ने कहा कि वह शराबबंदी के सिद्धांत का विरोध नहीं करते, लेकिन जिस तरह से यह लागू किया गया है, वह विफल है। "शराबबंदी के बावजूद बिहार में हर घर में शराब मिलती है। अब यहां पंजाब की तरह 'सूखा नशा' फैल रहा है।" 

पटना से नरोत्तम की रिपोर्ट

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