Bihar transfer posting - बिहार में मनमाने ट्रांसफर पोस्टिंग पर लगेगा लगाम!, सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा यह अधिकारी

Bihar transfer posting - बिहार में मनमाने तरीके से हो रहे ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर एक अधिकारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने सरकार से जवाब मांगा है।

Patna - पटना हाईकोर्ट ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को इस वर्ष 30 जून के तबादले के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।इसमें  37 रेंज अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है। जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने रेंज अधिकारी प्रियंका श्यामल की रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया। 

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एसबीके मंगलम ने कोर्ट को बताया  कि राज्य सरकार के 2007 के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पांच महीने के भीतर उनका स्थानांतरण कर दिया गया, जिसमें कहा गया है कि तबादला आमतौर पर तीन साल बाद किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर के वन रेंज अधिकारी नितीकेश कुमार का स्थानांतरण याचिकाकर्ता की पोस्टिंग के स्थान गया में किया गया है। आदेश पर रोक लगाने की दलील देते हुए उन्होंने कहा कि शाम 5.09 बजे कार्यालय बंद होने के बाद गया डीएफओ का 5 जुलाई को उन्हें विरमित करने का आदेश जारी किया गया। राज्य के वकील प्रशांत प्रताप ने सुप्रीम कोर्ट  के फैसले को प्रस्तुत करते हुए कहा कि स्थानांतरण सेवा का एक मामला  है और इसे केवल किसी कानून  या नियम के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दी जा सकती है, न कि दिशा-निर्देशों के आधार पर।

यहाँ याचिकाकर्ता किसी कानून या नियम के उल्लंघन का दावा नहीं कर रहा है।ये स्थानांतरण जनहित में और साथ ही प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर किया गया हैl  इसके अलावा याचिकाकर्ता ने कार्यालय बंद होने के बाद रिलीविंग ऑर्डर प्रस्तुत करने के अपने आरोप के बारे में ईमेल समय भी रिकॉर्ड पर नहीं लाया है, इसलिए याचिकाकर्ता स्थगन का हकदार नहीं  है।सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने कोर्ट को बताया।

उन्होंने राज्य प्रतिवादियों की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए एक छोटे स्थगन के लिए भी अनुरोध किया।पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता के रिलीविंग ऑर्डर पर सशर्त रोक लगाई जाती है यानी कि स्थगन तभी लागू होगा,यदि  नितीकेश कुमार आज तक मुजफ्फरपुर से रिलीव नहीं हुए हो,तो।