Reetlal Yadav:RJD विधायक रीतलाल यादव की शिक्षक पत्नी की बढ़ी मुश्किलें, सरकारी नौकरी की आड़ में कंस्ट्रक्शन के कारोबार का आरोप, पुलिस मुख्यालय ने कसा शिकंजा, अब क्या होगा

दानापुर के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव पहले से ही कानून की आंखों में किरकिरी बने हुए हैं , अब उनकी पत्नी रिंकू कुमारी पर भी पुलिस मुख्यालय ने कानूनी बिसात बिछा दी है।

RJD विधायक रीतलाल यादव की शिक्षक पत्नी की बढ़ी मुश्किलें- फोटो : RJD MLA Reetlal Yadav, bihar stf, reetlal yadav wi

RJD MLA Reetlal Yadav:राजनीति और कारोबार का खेल जब सरकारी कुर्सी से खेला जाए, तो कानून भी चौंक जाता है। दानापुर के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव पहले से ही कानून की आंखों में किरकिरी बने हुए हैं अब उनकी पत्नी रिंकू कुमारी पर भी पुलिस मुख्यालय ने कानूनी बिसात बिछा दी है।

ADG ऑपरेशन कुंदन कृष्णन ने खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव  को लेटर भेजकर सिफारिश की है कि सरकारी सेविका रिंकू कुमारी पर कार्रवाई की जाए, क्यूंकि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में बिजनेस पार्टनर बनते हुए "सरकारी आचरण संहिता" का सीधा उल्लंघन किया है।

मामला उस वक़्त सतह पर आया जब बिहार STF ने विधायक रीतलाल यादव से जुड़े केस का रिव्यू शुरू किया। इस केस की तह में जाते-जाते एक ऐसा नाम सामने आया जिसने सबको चौंका दिया — विजय कंस्ट्रक्शन कंपनी।

इस कंपनी में कोई और नहीं बल्कि रिंकू कुमारी, यानी खुद विधायक की पत्नी, 11 नवंबर 2017 से बिजनेस पार्टनर हैं। और ये सबकुछ हुआ जबकि वो सरकारी स्कूल में बतौर नियोजित टीचर ड्यूटी पर थीं।

ADG कुंदन कृष्णन ने लेटर में साफ-साफ लिखा है कि सरकारी सेवा में रहते हुए किसी भी प्रकार का व्यवसाय करना बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 के नियम 16(1) के विपरीत है। यानी एक तरफ सरकारी सैलरी, दूसरी तरफ ठेके और टेंडर का खेल   और ये सब खुलेआम।

रिंकू कुमारी की पोस्टिंग पटना जिले के कोथवां मुसहरी के प्राथमिक विद्यालय में है। 1 जुलाई 2006 से वह इसी स्कूल में नियोजित टीचर के तौर पर कार्यरत हैं। 19 सालों से एक ही जगह डटी रहीं, और इसी दौरान बिल्डर पार्टनरशिप भी शुरू हो गई  सवाल ये भी है कि क्या यह ‘स्थायी पोस्टिंग’ भी किसी सेटिंग का नतीजा है?

 बता दें कि उनके पति रीतलाल यादव खुद रंगदारी, धमकी और बिल्डर से वसूली जैसे मामलों में नामज़द रहे हैं। बेउर जेल से भागलपुर जेल शिफ्ट किए गए थे सिक्योरिटी रिस्क बताकर। अब जब पत्नी का नाम भी कारोबारी साज़िशों में आने लगा है, तो जांच एजेंसियों की नज़रें और भी पैनी हो चुकी हैं।अब देखना ये है कि क्या शिक्षा विभाग इस मामले में कठोर निर्णय लेगा या फिर राजनीतिक दबाव में मामला दबा दिया जाएगा।



रिपोर्ट- कुलदीप भारद्वाज