संविधान दिवस पर राजद की संगोष्ठी: चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल, संसद में गूंजेगा मुद्दा

Patna : संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संविधान के मूल्यों, लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति और चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर चर्चा की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राजद सांसद सुधाकर सिंह, पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी शामिल हुए।

चुनाव आयोग पर तीखा हमला


 संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाए। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. सुबोध कुमार मेहता ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने जिस समावेशी भारतीय संविधान की रचना गहन चिंतन के बाद की थी, आज चुनाव आयोग अपने पक्षपाती रवैये से उस व्यापक अवधारणा की धज्जियां उड़ा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनमानस और चुनाव आयोग के बीच अब एक गहरी खाई बन गई है, जिसे पाटना आयोग की जिम्मेदारी है।

'मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट' पर सवाल

कार्यक्रम के दौरान सभी वक्ताओं ने 'मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट' (आचार संहिता) के वर्तमान स्वरूप और अनुपालन को मानने से इनकार किया। उनका कहना था कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए संविधान के मूल्यों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। नेताओं ने जोर देकर कहा कि समयचक्र चलता रहता है और संविधान स्थाई है, लेकिन वर्तमान घटनाएं समाज के मन में गहरे सवाल छोड़ रही हैं।

लोकसभा में संघर्ष करेगा विपक्ष

राजद ने स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में संवाद और संघर्ष के माध्यम से चुनाव आयोग की खामियों को उजागर किया जाएगा, ताकि प्रजातंत्र की जड़ों को मजबूत किया जा सके। प्रो. मेहता ने बताया कि विपक्षी पार्टियां आने वाले सत्र में लोकसभा के भीतर इन सभी बातों को प्रमुखता से रखेंगी और संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता के लिए संघर्ष करेंगी।