Bihar Election 2025 : राजद की तेजतर्रार नेत्री ‘रितु जायसवाल’ ने की बगावत, निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान, कहा-परिहार छोड़ना मेरी आत्मा को स्वीकार नहीं...

Bihar Election 2025 : राजद की तेज तर्रार नेत्री ने बागवत कर लिया है. उन्होंने परिहार विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने का फैसला किया है......पढ़िए आगे

बगावती हुई रितु जायसवाल - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : बिहार चुनाव में आये दिन राजनीतिक घटनाक्रम बदलते जा रहे हैं। किसी चुनाव लड़ने का टिकट मिलेगा, टिकट मिलने के बाद नामांकन करने का मौका मिलेगा की नहीं। इसकी कोई गारंटी नहीं है। यहीं वजह है की आये दिन नेताओं का पाला बदलने का दौर जारी है। इसी कड़ी में राजद की नेत्री रितु जायसवाल ने बगावती तेवर अपना लिया है। कल यानी 20 अक्टूबर को रितु जायसवाल ने परिहार विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने का ऐलान किया है। इस कार्यक्रम में उन्होंने भारी संख्या में शामिल होने की अपील है। 

इसके पहले रितु जायसवाल ने कहा की कल शाम जैसे ही यह चर्चा फैली कि मुझे परिहार से टिकट न देकर बेलसंड से दिए जाने की संभावना है, परिहार की जनता के असंख्य फोन और फेसबुक-ट्विटर पर संदेश आने लगे। सबकी एक ही अपील थी – “मैडम, परिहार को मत छोड़िए।” जायसवाल ने कहा की पिछले पाँच वर्षों से मैंने परिहार की मिट्टी, यहाँ के लोगों के सुख-दुख, संघर्ष और उम्मीदों को बहुत करीब से महसूस किया है। आज परिहार की बदहाल स्थिति के लिए वर्तमान BJP विधायक गायत्री देवी ही नहीं, बल्कि पूर्व विधायक डॉ. रामचंद्र पूर्वे जी भी समान रूप से जिम्मेदार हैं।

रितु ने यहाँ तक कहाँ की यह बात किसी से छिपी नहीं है कि डॉ. पूर्वे ने पिछले विधानसभा चुनाव में, राजद के एमएलसी रहते हुए, पार्टी से गद्दारी की थी। इसी कारण मुझे मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। आज जब पार्टी ने डॉ. पूर्वे जी की बहू को परिहार से टिकट दिया है, तो यह उनकी गद्दारी का पुरस्कार जैसा प्रतीत होता है।

परिहार को छोड़कर किसी अन्य क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ना मेरी आत्मा को स्वीकार नहीं। इसलिए मैंने पार्टी नेतृत्व को साफ तौर पर अवगत करा दिया है कि यदि पार्टी किसी मजबूरीवश अपना निर्णय नहीं बदलती है, तो मैं परिहार से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगी। यह निर्णय आसान नहीं है, पर यह मेरे मन की आवाज़ है - और परिहार की जनता की भावनाओं का सम्मान भी।