Bihar Vidhansabha Chunav 2025 : पूर्व मंत्री तेजप्रताप की रैली में पुलिस लिखी गाड़ी का वीडियो हुआ वायरल, पुलिस ने दर्ज किया एफआईआर
Bihar Vidhansabha Chunav 2025 : पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव की रैली में पुलिस लिखी गाडी का वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई की गयी है. भोजपुर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है.....पढ़िए आगे

ARA : जनशक्ति जनता दल के नेता और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की चुनावी रैली में एक निजी बोलेरो वाहन पर पुलिस का आधिकारिक (लोगो) चिन्ह लगाकर उसका इस्तेमाल किए जाने का मामला सामने आया है। इंटरनेट मीडिया पर इस वाहन का वीडियो वायरल होने के बाद भोजपुर जिले की पुलिस तत्काल हरकत में आ गई है। इस गंभीर मामले को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से जोड़कर देखा जा रहा है।
दारोगा के बयान पर FIR दर्ज, वाहन मालिक व अज्ञात चालक पर कार्रवाई
पुलिस ने इस पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई की है। गड़हनी थाना में दारोगा राजेश कुमार के बयान पर वाहन स्वामी और अज्ञात चालक के खिलाफ चुनाव संबंधी अपराध को लेकर सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कदम चुनाव आचार संहिता और सरकारी पहचान के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।
चेतावनी लाइट और 'पुलिस' का लोगो लगाकर किया जा रहा था चुनाव प्रचार
प्राथमिकी में स्पष्ट आरोप लगाया गया है कि एक निजी बोलेरो वाहन पर जानबूझकर 'पुलिस' लिखवाया गया था और साथ ही चेतावनी लाइट (Warning Light) भी लगाई गई थी। इन चीजों के कारण यह वाहन पूरी तरह से सरकारी वाहन जैसा प्रतीत हो रहा था। आरोप है कि इसी सरकारी पहचान का दुरुपयोग करते हुए इसे एक राजनीतिक दल के चुनाव प्रचार में उपयोग किया जा रहा था, जो नियमों का सीधा उल्लंघन है।
वाहन जब्त करने की कार्रवाई शुरू, जांच जारी
पुलिस ने बताया है कि इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि वीडियो में दिख रहे संदिग्ध बोलेरो वाहन को जब्त करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। पुलिस की जांच इस बात पर केंद्रित है कि यह वाहन किस व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत है और किस की अनुमति से इसे चुनाव प्रचार में उपयोग किया जा रहा था, साथ ही इसके पीछे का मकसद क्या था।
सरकारी पहचान का दुरुपयोग गंभीर अपराध
पुलिस ने यह भी साफ किया कि यदि कोई व्यक्ति अपने कार्य को बढ़ावा देने या जनता के बीच झूठा प्रभाव दिखाने के लिए सरकारी पहचान, प्रतीक या शक्ति का अनुचित या झूठा प्रयोग करता है, तो इसे एक गंभीर अपराध माना जाता है। इस मामले को इसी श्रेणी में रखते हुए पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है ताकि भविष्य में कोई भी निजी हित के लिए सरकारी साधनों या पहचान का दुरुपयोग न कर सके।
आरा से आशीष की रिपोर्ट