Bihar politics - चुनाव आयोग के एसआईआर पर भड़के श्रवण अग्रवाल, कहा – सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद काटे गए 65 लाख वोटरों के नाम
Bihar politics - चुनाव आयोग ने जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाकर काम किया है, उसको लेकर रालोजपा ने नाराजगी जाहिर की है.
Patna - राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी एवं दलित सेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने राज्य में निर्वाचन आयोग के द्वारा कराये गए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया और प्रकाशित मतदाता सूची के प्रारूप पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग के द्वारा जो प्रारूप प्रकाशित किया गया है उसमें कहीं से भी पारदर्शिता नहीं दिखती है।
श्री अग्रवाल ने चुनाव आयोग पर तंज किया कि निर्वाचन आयोग जब सुप्रीम कोर्ट के सलाह और सुझाव को नहीं सुन रहा है तो राज्य के विपक्षी दलों की सुझाव को क्या सुनेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर सुनवाई के दौरान दो-दो बार चुनाव आयोग को आधार नंबर और पेन नंबर, राशन कार्ड इत्यादि को भी मतदाता सूची के सत्यापन में शामिल करने तथा मतदाता सूची से किसी भी वोटर का नाम नहीं काटे जाने को लेकर सख्त हिदायत दी थी, किन्तु इसके बावजूद प्रारूप मतदाता सूची में 65 लाख से अधिक वोटरों के नाम गायब हो गए।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री अग्रवाल ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को बताना चाहिए प्रकाशित प्रारूप में से जो 65 लाख से अधिक नाम काटे गए उसमे कितने बंग्लादेशी और कितने विदेशी वोटर मिले। श्री अग्रवाल ने कहा कि पटना के दीघा विधानसभा में नए मतदाता सूची प्रारूप में एक ही मकान नं0 107 में कई जाति और कई धर्मों के लोग का नाम जिसमें तिवारी, यादव, सिन्हा, अंसारी, पासवान, मुसतफा इत्यादि उपनाम के वोटरो का नाम शामिल है।
यह दर्शाता है कि बहुत ही जल्दीबाजी और बहुत ही हड़बड़ी में चुनाव आयोग के द्वारा वोटर लिस्ट को लेकर जो सारी कवायद की गई है सम्पूर्ण प्रक्रिया पर बड़ा प्रश्न चिह्न और सवाल खड़ा होता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि जब भी राज्य की विपक्षी पार्टियों के द्वारा गड़बड़ियों पर चुनाव आयोग से सवाल पूछा जाता है तो चुनाव आयोग के बदले भाजपा और एनडीए के नेता और प्रवक्ता चुनाव आयोग का प्रवक्ता के रूप में आयोग के पक्ष में तर्कहीन और अतार्किक बयानबाजी देते है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि बिहार में प्रकाशित वोटर लिस्ट प्रारूप से बड़ी संख्या में अनावश्यक रूप से वोटरों के नाम काटे गए है चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर मतदाताओं के मतदान के अधिकार का हनन कर रहा है। 12-13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर विपक्ष एवं अन्य संगठनों के द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई होनी है।
हमारी पार्टी भी याचिकाकर्ताओं के साथ माननीय सर्वोच्च न्यायलय से यह मांग करेगा कि सुप्रीम कोर्ट इस गंभीर मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर चुनाव आयोग पर न्यायसंगत कार्रवाई करे।