Bihar Bandh Today: बिहार में आज सड़कों पर हंगामा, वोटर लिस्ट को लेकर राहुल-तेजस्वी करेंगे चक्का जाम

ihar Bandh Today: बुधवार की सुबह बिहार की फिज़ा में राजनीतिक आक्रोश की गूंज सुनाई दे रही है। लोकतंत्र की मूल आत्मा माने जाने वाले मतदाता सूची की शुद्धता को लेकर शुरू हुई प्रक्रिया अब एक राजनीतिक रणभूमि का रूप ले चुकी है।

बिहार में आज सड़कों पर हंगामा- फोटो : social Media

Bihar Bandh Today: बुधवार की सुबह बिहार की फिज़ा में राजनीतिक आक्रोश की गूंज सुनाई दे रही है। लोकतंत्र की मूल आत्मा माने जाने वाले मतदाता सूची की शुद्धता को लेकर शुरू हुई प्रक्रिया अब एक राजनीतिक रणभूमि का रूप ले चुकी है। INDIA गठबंधन—जिसमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अन्य विपक्षी दल शामिल हैं—ने आज बिहार बंद का आह्वान किया है। बंद का केंद्र गहन मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया पर विरोध है, जिसे महागठबंधन ने तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग की है।

गठबंधन का आरोप है कि यह प्रक्रिया गरीबों, वंचितों और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को मतदाता सूची से बाहर करने का एक सोचा-समझा प्रयास है। जिन 11 दस्तावेज़ों को पहचान हेतु मांगा जा रहा है, वे ज़्यादातर गरीब तबके के पास नहीं हैं। "इससे करोड़ों लोगों के नाम कट सकते हैं", यह चिंता विपक्ष की ओर से ज़ोरशोर से उठाई जा रही है। गठबंधन का कहना है कि यह प्रक्रिया आगामी विधानसभा चुनाव के बाद की जानी चाहिए ताकि इसका उपयोग राजनीतिक फायदे के लिए न किया जा सके।

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी दलों के नेता आयकर गोलंबर से मुख्य निर्वाचन कार्यालय तक विरोध मार्च निकालेंगे और कार्यालय का घेराव करेंगे। सोशल मीडिया पर RJD ने तीखे शब्दों में अपने रुख को स्पष्ट किया:"लोकतंत्र को जो लूट रहे हैं सरे आम!उनके विरुद्ध कल करना है चक्का जाम!!

बंद के समर्थन में श्रमिक संगठनों ने भी अपने 44 मांगों को जोड़ दिया है, जिससे यह बंद और भी व्यापक और व्यापक असर वाला हो गया है। राज्य भर में चक्का जाम, राष्ट्रीय राजमार्गों, रेलवे ट्रैक और अन्य मार्गों पर यातायात बाधित होने की आशंका जताई जा रही है।

प्रशासन ने पटना शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं। 50 से अधिक मजिस्ट्रेट और करीब 600 पुलिसकर्मी शहर के विभिन्न हिस्सों में तैनात किए गए हैं।

यह आंदोलन एक बड़ा सवाल छोड़ता है—क्या यह बंद वंचितों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा का प्रयास है या आगामी चुनावों की सियासी बिसात का एक और दांव? जवाब भविष्य के गर्भ में छुपा है, लेकिन फिलहाल बिहार की सड़कों पर जनाक्रोश और सत्ता के बीच टकराव की आहट तेज़ हो गई है।