NDA के राज में क़ानून की हुक़ूमत, विकास की नई राह,राज्य में मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ी,नीतीश का सदन में बड़ा बयान

Bihar Vidhansabha Session 2025: बिहार विधानसभा में आज राज्यपाल के अभिभाषण पर जारी चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने अंदाज़-ए-बयान से सियासत में नई गर्माहट ला दी।

NDA के राज में क़ानून की हुक़ूमत- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Session 2025: बिहार विधानसभा में आज राज्यपाल के अभिभाषण पर जारी चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने अंदाज़-ए-बयान से सियासत में नई गर्माहट ला दी। उन्होंने कहा कि बिहार में NDA की सरकार आने के बाद से क़ानून का राज क़ायम है, विकास हमारी पहली तरजीह रही है।नीतीश ने विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत देने के लिए जनता के प्रति शुक्रिया अदा किया। उन्होंने याद दिलाया कि कभी बिहार में हिंदू-मुस्लिम तनाव आम बात थी। इसी वजह से 2006 से कब्रिस्तान और मंदिरों की घेराबंदी की पहल शुरू की गई, ताकि नफ़रत की आँच पर विराम लगाया जा सके। “उसके बाद कोई बड़ा सांप्रदायिक बवाल नहीं हुआ,” उन्होंने कहा।

सीएम ने राज्यपाल के अभिभाषण में शामिल प्राथमिकताओं की सराहना करते हुए सभी विधायकों का आभार जताया और कहा कि अभिभाषण में बताई गई दिशा से बिहार का विकास और तेज़ होगा।

नीतीश ने विकास की मिसालें गिनाते हुए कहा कि कभी बिहार में केवल छह मेडिकल कॉलेज थे, जबकि अब 12 मेडिकल कॉलेज कार्यरत हैं और 27 नए मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। “ये जल्द ही तैयार होंगे और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में इंक़लाब लाएँगे।”

उन्होंने बताया कि पीएमसीएच से लेकर IGIMS तक को अपग्रेड किया गया। सड़कों और पुल-पुलियों के विकास का ज़िक्र करते हुए कहा कि “दूर-दराज़ के इलाक़ों से पटना आने में 2016 में ही 6 घंटे का लक्ष्य पूरा कर लिया गया था। अब तो सबसे दूर क्षेत्र से भी 5 घंटे में राजधानी पहुँचना मुमकिन है।”

आगे सुधार की मंशा जताते हुए उन्होंने 5 नए एक्सप्रेस–वे का रोडमैप सदन में रखा।सियासी संदेश की भाषा में उन्होंने मुसलमानों की ओर भी हाथ बढ़ाते हुए कहा, “मदरसा शिक्षकों को भी समान वेतन दिया है… हमने मुसलमानों के लिए बहुत काम किया है।”

नीतीश का यह भाषण सिर्फ़ सरकारी उपलब्धियों का ब्योरा नहीं, बल्कि आने वाले राजनीतिक मौसम का इशारा भी माना जा रहा है—विकास, सद्भाव और स्थिरता की तीनों धुरी पर टिके हुए बयान से उन्होंने सियासी हवा में नई गूंज पैदा कर दी है।