Patna teacher News:प्राचार्य नियुक्ति में 'किस्मत का खेल', पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में लॉटरी से बांटी गई प्रिंसीपल की 5 कुर्सियाँ
Patna teacher News: बिहार की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सुर्खियों में है इस बार वजह है प्राचार्य की कुर्सी, जो काबिलियत की नहीं बल्कि 'किस्मत की लॉटरी' से बंटी।
Patna teacher News: बिहार की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सुर्खियों में है इस बार वजह है प्राचार्य की कुर्सी, जो काबिलियत की नहीं बल्कि 'किस्मत की लॉटरी' से बंटी। पटना विश्वविद्यालय के पाँच प्रतिष्ठित कॉलेजों को बुधवार को अपने-अपने नए प्राचार्य मिल गए, लेकिन चयन का तरीका सुनकर देशभर के शिक्षाविदों की भौंहें तन गईं।
राज्यपाल-सह-चांसलर आरिफ मोहम्मद खान के निर्देश पर, यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि कथित घपलों और भाई-भतीजावाद पर रोक लगाई जा सके। लेकिन जिस मर्ज का इलाज सोचा गया, वह खुद एक नई बीमारी बनकर उभरा अब सवाल उठता है कि क्या लॉटरी सिस्टम शिक्षाव्यवस्था को और अधिक बदहाल नहीं बना देगा?
लॉटरी के सहारे छपरा के इतिहास के शिक्षक नागेंद्र प्रसाद वर्मा अब मगध महिला कॉलेज, पटना के प्राचार्य होंगे। उत्तर प्रदेश से अनिल कुमार, अब पटना कॉलेज की बागडोर संभालेंगे। हाजीपुर महिला कॉलेज की अलका यादव को पटना साइंस कॉलेज सौंपा गया। गृह विज्ञान की शिक्षिका सुहेली मेहता कॉमर्स कॉलेज की प्रमुख बनीं और योगेंद्र कुमार वर्मा अब पटना लॉ कॉलेज के नए मुखिया बनाए गए हैं।
यह न केवल पटना यूनिवर्सिटी बल्कि पूरे राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए एक तंज है, जहां योग्यताओं की जगह कागज की पर्चियों ने भविष्य तय कर दिया।क्या लॉटरी से मिले प्राचार्य वह शैक्षणिक दृष्टि, अनुशासन और नेतृत्व दे पाएंगे जिसकी जरूरत है? या यह भी राजनीति और अफसरशाही की ताश की गड्डी है जिसमें छात्रों का भविष्य दांव पर है?
शिक्षा से खेल अब केवल नकल या मार्कशीट तक सीमित नहीं रहा, अब तो प्राचार्य की गद्दी भी किस्मत के भरोसे है।लॉटरी लगी है, तो पढ़ाई की चिंता क्यों?' शायद अब यह नया शैक्षणिक मंत्र बन जाए।