राजद MLC सुनील सिंह को बड़ा झटका, बिस्कोमान के नए चेयरमैन होंगे विशाल सिंह, हाईकोर्ट का बड़ा आदेश
21 साल तक बिस्कोमान के अध्यक्ष रहे सुनील सिंह को बड़ा झटका लगा है. अब विशाल सिंह अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी होंगे जो बिस्कोमान के अध्यक्ष बनने वाले हैं. वे बिस्कोमान के संस्थापक तपेश्वर सिंह के पोते हैं.
Biscoman: बिस्कोमान के नए चेयरमैन पर विशाल सिंह की ताजपोशी होने का रास्ता साफ हो गया है. रांची हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में अहम सुनवाई करते हुए चुनाव की वैद्यता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने चुनाव के नतीजे के ऐलान पर लगी रोक हटाने का फैसला दिया जिसके बाद अब विशाल सिंह के बिस्कोमान के नए चेयरमैन बनने का रास्ता साफ हो गया है. वहीं हाईकोर्ट के इस फैसले से राजद एमएलसी सुनील सिंह को बड़ा झटका लगा है. वे निवर्तमान अध्यक्ष थे और इस बार उनकी पत्नी वंदना सिंह चेयरमैन का चुनाव लड़ रही थी.
दरअसल, बिस्कोमान चुनाव में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर पिछले महीने वोटिंग हुई थी. मतदान पटना स्थित कलेक्ट्रेट में शांतिपूर्ण तरीके से किया. 20 सदस्यों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इनमें 17 निर्वाचित और तीन मनोनीत सदस्यों ने भाग लिया. बिस्कोमान अध्यक्ष पद के लिए वंदना सिंह और विशाल सिंह मैदान में हैं.हीं उपाध्यक्ष पद के लिए महेश राय और विनय कुमार उम्मीदवार रहे.
हालांकि मतदान के बाद मतगणना पर रोक लगा दी गई थी. इसका कारण रांची हाई कोर्ट का फैसला था. तब आरजेडी एमएलसी डॉ. सुनील सिंह के वकील का कहना था कि झारखंड हाई कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है. हालांकि अब हाई कोर्ट के फैसले के बाद यह तय हो गया है कि विशाल सिंह अगले अध्यक्ष के रूप में काबिज होंगे.
कौन हैं विशाल सिंह
विशाल सिंह, बिस्कोमान के संस्थापक तपेश्वर सिंह के पोते हैं. वे भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड के अध्यक्ष और 35 साल के युवा हैं. दो साल पहले ही निर्विरोध NCCF के अध्यक्ष चुने गए थे. NCCF के आखिरी बिहारी चेयरमैन विशाल सिंह के पिता स्व. अजित सिंह थे जो 1996 तक चेयरमैन थे. उनकी माँ मीणा सिंह आरा संसदीय सीट से लोकसभा सांसद रही हैं. विशाल अपनी फैमिली के तीसरी पीढ़ी है जो बिस्कोमान के अध्यक्ष होंगे.
21 साल अध्यक्ष रहे सुनील सिंह
राजद एमएलसी सुनील सिंह ने बिस्कोमान के अध्यक्ष के रूप में करीब 21 साल काम किया. वे पिछले 21 साल से लगातार इस पद पर बने रहे. इस बार उन्हें सियासी तौर पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इसके बाद हुए चुनाव में उन्हें विशाल सिंह से कड़ी टक्कर मिली जिसके बाद अब उनका अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है.