अपराध दर में भारी गिरावट और नक्सल मुक्त बिहार- गृह विभाग का दावा

बिहार सरकार के गृह विभाग ने कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के आंकड़ों को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। ACS अरविंद चौधरी, DGP विनय कुमार और ADG पंकज दराद की मौजूदगी में राज्य की सुरक्षा उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया गया।

अपराध दर में भारी गिरावट और नक्सल मुक्त बिहार- गृह विभाग का दावा- फोटो : REPORTER

बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के ठोस परिणाम सामने आए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में हत्या के मामलों में 7.72%, डकैती में 24.87% और दंगों के मामलों में 17.97% की महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है। सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि बिहार अब पूरी तरह नक्सल मुक्त हो चुका है। साल 2013 में जहाँ 22 जिले नक्सल प्रभावित थे, वहीं 2025 में यह संख्या शून्य पर पहुँच गई है। वर्ष 2025 में रिकॉर्ड 2.99 लाख लंबित मामलों का निष्पादन भी किया गया है।गृह विभाग के ACS ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कानून व्यवस्था को लेकर जानकारी साझा की है। इस मौके पर डीजीपी विनय कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पंकज दराद भी मौजूद रहे। 

साम्प्रदायिक सौहार्द और अपराधियों पर सख्त नियंत्रण

राज्य सरकार ने खुफिया तंत्र को मजबूत कर साम्प्रदायिक घटनाओं पर लगाम लगाई है। वर्ष 2024 और 2025 में ऐसे 437 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति दी गई है। साथ ही, बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम 2024 के तहत 1419 अपराधियों की पहचान की गई, जिनमें से 25 कुख्यात अपराधियों के खिलाफ कड़े आदेश जारी किए गए। अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया भी तेज की गई है, जिसके तहत कई बड़े मामलों में संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।

गिरफ्तारी और अवैध हथियारों की बड़ी बरामदगी

जनवरी से नवंबर 2025 के बीच पुलिस ने विभिन्न अपराधों में संलिप्त 3,35,116 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है, जिसमें 4528 हथियार, 28,414 कारतूस और 64 मिनी गन फैक्ट्रियां शामिल हैं। इसके अलावा, हर्ष फायरिंग जैसी घटनाओं पर स्थायी आदेश लागू होने के बाद ऐसी वारदातों में भारी कमी आई है, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा मजबूत हुई है।

शराबबंदी कानून और राज्य के बाहर प्रभावी ऑपरेशन

शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने के लिए बिहार पुलिस ने राज्य की सीमाओं के बाहर जाकर 36 बड़े ऑपरेशन किए हैं। नवंबर 2025 तक कुल 16.79 लाख लीटर देसी और 16.51 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की गई है। इस अवैध कारोबार में शामिल 289 भू-माफियाओं और तस्करों को चिन्हित कर उनकी अवैध संपत्ति पर कार्रवाई की जा रही है। ALTF की टीमों ने अब तक 48,955 लोगों को शराब तस्करी और सेवन के आरोप में गिरफ्तार किया है।

साइबर अपराध पर लगाम और पीड़ितों को राहत

साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है। NCRP पोर्टल के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 106.30 करोड़ रुपये होल्ड कराए गए, जबकि 7.36 करोड़ रुपये पीड़ितों को वापस दिलाए गए हैं। पुलिस ने हजारों फर्जी मोबाइल नंबर और IMEI ब्लॉक किए हैं और 1000 से अधिक साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा है, जिससे ठगी के मामलों में कमी आई है।

भूमि विवाद सुलझाने के लिए 'भू-समाधान' पोर्टल

बिहार में अपराध की एक बड़ी जड़ भूमि विवाद रही है, जिसे सुलझाने के लिए 'भू-समाधान' पोर्टल प्रभावी साबित हो रहा है। प्राप्त 93,258 आवेदनों में से 76,280 मामलों का निपटारा सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इसके लिए साल भर में 31,362 संयुक्त बैठकें आयोजित की गईं, जिससे ग्रामीण इलाकों में आपसी रंजिश कम हुई है। साथ ही, महिला हेल्प डेस्क और अभय ब्रिगेड के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।

पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण और स्पीडी ट्रायल

न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए बिहार ने देश में मिसाल कायम की है, जहाँ मात्र 15 दिनों के भीतर आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई। थानों को सीसीटीवी, फॉरेंसिक लैब और आधुनिक वाहनों से लैस किया जा रहा है। साल 2025 में 1.05 लाख मामलों में सजा सुनाई गई, जिसमें मृत्युदंड और आजीवन कारावास जैसे कठोर दंड शामिल हैं। राज्य की जेलों में भी जैमर और मोबाइल कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम लगाकर सुरक्षा को अभेद्य बनाया गया है।