SVU Raid in Bihar: कौन हैं काली कमाई कर 5 करोड़ अर्जित करने वाले अनिल आजाद? रिटायरमेंट से दो महीने पहले खुली पोल, SVU के भी हुए होश

SVU Raid in Bihar: बिहार के भ्रष्ट अधिकारियों और अफसरों पर निगरानी विभाग की कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में निगरानी विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। निगरानी ने एक ऐसे अफसर के घर छापेमारी कर काली कमाई को बरामद की है जो दो महीने में रिटायर्ड होने वाले थे..

अनिल आजाद की काली कमाई - फोटो : social media

SVU Raid in Bihar: बिहार की विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने रविवार को उत्पाद अधीक्षक अनिल कुमार आजाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। निगरानी विभाग ने पटना, जहानाबाद और औरंगाबाद स्थित चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। करीब सात घंटे तक चली इस तलाशी में टीम ने दस्तावेज खंगाले, परिजनों से पूछताछ की और नोट गिनने की मशीन भी मंगवाई। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि आजाद के पास पांच करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति होने के संकेत मिले हैं, जबकि शिकायत में 1.58 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया था। SVU का कहना है कि जब्त सबूतों के मूल्यांकन के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

पत्नी के नाम पर 10 प्लॉट 

छापेमारी में अनिल आजाद और उनकी पत्नी माधुरी देवी के नाम पर कुल 10 प्लॉट मिलने का दावा किया गया है। इसके अलावा 28 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट, बैंक और बीमा में 1.54 करोड़ का निवेश, लगभग 48 लाख रुपये का बैंक बैलेंस और करीब 35 लाख रुपये की ज्वेलरी बरामद होने की बात सामने आई है। टीम को तीन बैंक लॉकर भी मिले हैं, जिनकी तलाशी बाद में की जाएगी। जांच के दौरान दस्तावेज, बैंक पासबुक, संपत्ति के कागजात और इलेक्ट्रॉनिक डेटा कब्जे में ले लिया गया है।

आरोपी अधीक्षक का बयान 

अनिल आजाद की दो महीने बाद सेवानिवृत्ति प्रस्तावित है। छापेमारी के दौरान उन्होंने दावा किया कि यह कार्रवाई उनके खिलाफ साजिश के तहत की जा रही है। उनका कहना है कि स्प्रिट माफियाओं ने नेताओं की साठगांठ से उन्हें फंसाने की कोशिश की है, क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान औरंगाबाद में 25 अवैध स्प्रिट फैक्ट्रियों को बंद कराया था। उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह जांच में सहयोग कर रहे हैं और स्वयं को निर्दोष साबित करेंगे।

कौन हैं अनिल आजाद

अनिल आजाद मूल रूप से जहानाबाद जिले के सुमेरा गांव के रहने वाले हैं। 1991 में वे उत्पाद दरोगा नियुक्त हुए और बेतिया में उनकी पहली पोस्टिंग हुई। 1999 से 2002 तक पटना में तैनाती के दौरान उन्होंने स्प्रिट माफिया असलम खान की पत्नी मुन्नी खातून की गिरफ्तारी के बाद सुर्खियां बटोरी थीं। इसके बाद वे इंस्पेक्टर बने और नालंदा, पूर्णिया, मधुबनी, समस्तीपुर और नवादा में तैनात रहे। 20 महीने पहले उनकी पोस्टिंग औरंगाबाद में उत्पाद अधीक्षक के रूप में हुई।

रिटायरमेंट के सिर्फ दो महिने बाकी

SVU ने अनिल आजाद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(1)(b) और 13(2) तथा IPC की धारा 61(2)(a) के तहत केस दर्ज किया है। FIR में आरोप लगाया गया है कि सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने अपनी ज्ञात आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब उनकी रिटायरमेंट में सिर्फ दो महीने बाकी हैं, जिससे प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।