Bihar Politics: तेज प्रताप की पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ विवादों में घिरी, 10 करोड़ के कानूनी नोटिस ने बढ़ाई उलझन, जानिए पूरा मामला
Bihar Politics: तेज प्रताप की पार्टी जनशक्ति जनता दल विवादों में घिर गई है। तेज प्रताप ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष को 10 करोड़ का कानूनी नोटिस भेजा है। पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर भी विवाद बढ़ता जा रहा है, आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है...
Bihar Politics: तेजप्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) ने अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बालेन्द्र दास को ₹10 करोड़ की मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है। पार्टी के एडवोकेट हिमांशु शर्मा ने यह नोटिस 4 अक्टूबर 2025 को पार्टी महासचिव मोतीलाल रॉय की ओर से भेजा। नोटिस में बालेन्द्र दास पर पार्टी के स्वामित्व को लेकर 'झूठे और कपटपूर्ण दावे' करने मानहानि फैलाने और चुनाव कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। जनशक्ति जनता दल का कहना है कि दास जनता को गुमराह कर रहे हैं और पार्टी की साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
तेज प्रताप का आरोप
नोटिस के अनुसार, बालेन्द्र दास द्वारा खुद को जनशक्ति जनता दल का असली अध्यक्ष बताना भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण है। यह पार्टी तेजप्रताप यादव से जुड़े दो सहयोगियों बालेन्द्र दास और प्रशांत प्रताप ने मिलकर बनाई थी। हालांकि बाद में दोनों ने अलग राह पकड़ ली। प्रशांत प्रताप अब आरजेडी के साथ हैं जबकि बालेन्द्र दास बसपा से जुड़ गए हैं।
पूर्व अध्यक्ष को 10 करोड़ का नोटिस थमाया
पार्टी की ओर से कहा गया है कि दास 'जनशक्ति जनता दल' के स्वामित्व का झूठा दावा कर आम जनता में भ्रम फैला रहे हैं। उनके खिलाफ बीएनएस की धारा 318(1), 319(1), 318(2) और 318(4) के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला बनता है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिनों के भीतर दास लिखित माफी नहीं मांगते और ₹10 करोड़ की क्षतिपूर्ति नहीं देते तो उनके खिलाफ दीवानी और आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव चिन्ह को लेकर भी बवाल
पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘जनशक्ति जनता दल’ का वैध चुनाव चिह्न अब “ब्लैक बोर्ड” है, न कि “बांसुरी”। जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में बालेन्द्र दास ने हाजीपुर सीट से इसी पार्टी के टिकट पर बांसुरी छाप के तहत चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें मात्र 1,318 वोट मिले थे। बालेन्द्र दास ने नोटिस को खारिज करते हुए कहा कि मुझे वॉट्सऐप पर नोटिस मिला है। मैं इसका जवाब दूंगा। यह नोटिस गलत है। जनशक्ति जनता दल पर मेरा अधिकार है। मैंने अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ा है और न ही पार्टी का विलय किसी दूसरी पार्टी में किया है।
विवादों में घिरी तेजप्रताप की पार्टी
इधर राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल उठ रहा है कि जब जनशक्ति जनता दल पहले “बांसुरी छाप” पर चुनाव लड़ चुकी थी तो अब “ब्लैक बोर्ड” चिह्न कहां से आया। एक ही नाम से दो अलग-अलग चुनाव चिह्न कैसे संभव हैं, इसे लेकर भी विवाद गहराया है। गौरतलब है कि तेजप्रताप यादव को कुछ महीने पहले आरजेडी से छह साल के लिए निष्कासित किया गया था। इसके बाद उन्होंने ‘जनशक्ति जनता दल’ के बैनर तले अपनी राजनीतिक गतिविधियां शुरू कीं और कहा कि वे बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारेंगे। तेजप्रताप ने छह अन्य दलों के साथ गठबंधन भी किया है और हाल के दिनों में लगातार सभाएं कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में तेजप्रताप यादव की यह नई पार्टी कई सीटों पर आरजेडी के लिए चुनौती साबित हो सकती है।