Bihar Politics: 'आरक्षण विरोधी नहीं..आरक्षण चोर हैं भाजपाई', तेजस्वी यादव का ऐलान, सरकार बनते ही पहले इन अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

Bihar Politics: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर नीतीश सरकार और पीएम मोदी पर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के लोग आरक्षण विरोधी ही नहीं बल्कि आरक्षण चोर हैं। पढ़िए आगे...

तेजस्वी यादव का ऐलान - फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी तेज है। सभी पार्टी अपने अपने स्तर से चुनावी तैयारी में जुटे हैं। इसी बीच बीते दिन बिहार में पहली बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक के बाद महागठबंधन के नेताओं ने अपने मैनिफेस्टो के पहले भाग को जारी किया इसमें अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए कई वादे किए गए हैं। वहीं आज एक बार फिर तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया पर ट्विट कर नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वी ने कहा है कि हमारी जो लड़ाई है वो संविधान बचाने की है,लोकतंत्र बचाने की है। खास तौर पर अब जरुरत है कि सभी के साथ सामाजिक के साथ साथ आर्थिक सामानता भी मिले। 

20 सालों से अतिपिछड़ा वर्ग नीतीश-भाजपा सरकार की कुनीति का शिकार

तेजस्वी यादव ने कहा कि, अतिपिछड़ा वर्ग पिछले बीस सालों से नीतीश -भाजपा सरकार की कुनीति और उपेक्षा का शिकार है। अतिपिछड़े समाज को जहाँ विशेष नीतियों का लाभ मिलना चाहिए था वहीं सरकार की उपेक्षा के कारण वो और अधिक पिछड़ता चला गया। उन्होंने आगे कहा कि, हम प्रण लेते हैं कि सरकार बनने पर हम “अतिपिछड़ा न्याय संकल्प” को लागू कर अतिपिछड़े समाज को विकास के सभी पैमानों पर सशक्त और अग्रणीय बनायेंगे!

आरक्षण विरोधी नहीं आरक्षण चोर हैं भाजपाई

तेजस्वी ने कहा कि, भाजपा के लोग आरक्षण विरोधी नहीं है बल्कि आरक्षण चोर हैं। तेजस्वी ने कहा कि असली लड़ाई हमारी उन लोगों से है जो भ्रष्ट अधिकारी है जिनका बहुत बड़ा रैकेट है, जो आरक्षण विरोधी लोग हैं। जो चंद अधिकारी आरक्षण को लागू नहीं करना चाहते हमने उन लोगों को चिन्हित कर रखा है हमारी सरकार आएगी तो उन सभी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। तेजस्वी ने कहा कि आज तक हमने अपने विचारधारों से समझौता ना किया है ना कभी करेंगे। उन्होंने कहा कि लालू जी जब समझौता नहीं किए तो उनका बेटा किसी से डरने वाला है क्या? 

'अति पिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ होगा पारित

गौरतलब हो कि, पटना में अतिपिछड़ा वर्ग के उत्थान, उन्नति, बेहतरी, भागीदारी और आर्थिक सबलता के लिए हमारे गठबंधन ने “अतिपिछड़ा न्याय संकल्प” पेश किया। इसके अंतर्गत:-  ‘अति पिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ पारित किया जाएगा। अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 𝟐𝟎% आरक्षण को बढ़ाकर 𝟑𝟎% किया जाएगा। आबादी के अनुपात में आरक्षण की 𝟓𝟎% की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने हेतु केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। नियुक्तयों की चयन प्रक्रिया में “𝐍𝐨𝐭 𝐅𝐨𝐮𝐧𝐝 𝐒𝐮𝐢𝐭𝐚𝐛𝐥𝐞” (𝐍𝐅𝐒) जैसे अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा।

निजी विद्यालयों में नामांकन के लिए आरक्षित सीट 

अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन (𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫- 𝐨𝐫 𝐨𝐯𝐞𝐫-𝐢𝐧𝐜𝐥𝐮𝐬𝐢𝐨𝐧) से सम्बन्धित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा। अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में श्रेणीकृत 𝟑 तथा 𝟓 डिसमिल आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जायेगी। 𝐔𝐏𝐀 सरकार द्वारा पारित ‘शिक्षा अधिकार अधिनियम’ (𝟐𝟎𝟏𝟎) के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अति पिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों के लिए किया जायेगा। 

अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति और पिछ़ड़ी जाति के लिए 50% आरक्षण 

𝟐𝟓 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेके/आपूर्ति कार्यों में अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 𝟓𝟎% आरक्षण देने का प्रावधान किया जाएगा। संविधान की धारा 𝟏𝟓(𝟓) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के नामांकन में आरक्षण लागू किया जायेगा। सभी प्रकार के आरक्षण की देख रेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकर (𝐑𝐞𝐬𝐞𝐫𝐯𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐑𝐞𝐠𝐮𝐥𝐚𝐭𝐨𝐫𝐲 𝐀𝐮𝐭𝐡𝐨𝐫𝐢𝐭𝐲) की स्थापना की जाएगी। विधान मंडल की अनुमति के बिना आरक्षण हेतु जारी जातियों की सूची में परिवर्तन नहीं किया जायेगी।