Water metro in patna - वाटर मेट्रो के लिए पहली जहाज पटना के लिए रवाना, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मिलेगी सौगात

Water metro in patna - पटना में आनेवाले कुछ दिनों मे मेट्रो ट्रेन के साथ वाटर मेट्रो ट्रेन की सुविधा मिलेगी। इसके लिए पहली जहाज पटना के लिए रवाना हो गई है।

Patna - पटनावासियों को जल्द ही एक नई सौगात मिलने वाली है। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले, पटना में वाटर मेट्रो सेवा शुरू होने की पूरी संभावना है। सड़क और रेल मेट्रो के बाद, जलमार्ग से सफर का यह नया विकल्प यात्रियों और पर्यटकों के लिए काफी सुविधाजनक और आकर्षक होगा।

कोलकाता से पटना पहुंचा पहला इलेक्ट्रॉनिक जहाज

इस सेवा के लिए पहला इलेक्ट्रॉनिक जहाज कोलकाता से पटना के लिए रवाना हो चुका है, जिसके 16 सितंबर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह जहाज पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसमें 50 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। इसमें अन्य आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं और यह पूरी तरह से बिजली से संचालित होगा। दूसरा जहाज भी इसी महीने के अंत तक पटना पहुंचेगा।

परियोजना का विवरण

भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के निदेशक, अरविंद कुमार ने बताया कि पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, इस 1200 करोड़ रुपये की वाटर मेट्रो योजना पर तेजी से काम कर रहा है। योजना के तहत गंगा नदी में कुल 25 इलेक्ट्रॉनिक जहाज चलाए जाएंगे। इन जहाजों का निर्माण केरल की कंपनी कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है।

रूट और चार्जिंग पॉइंट

पहले चरण में, वाटर मेट्रो सेवा दीघा से कंगन घाट तक लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इसके प्रमुख ठहराव स्थल एनआईटी पटना के पास गांधी घाट, गायघाट और कंगन घाट होंगे। गांधी घाट और गायघाट पर पहले से ही बंदरगाह मौजूद हैं, जबकि कंगन घाट पर एक फ्लोटिंग जेटी (तैरता हुआ बंदरगाह) बनाया जाएगा। जहाजों को चार्ज करने के लिए दीघा और गांधी घाट पर चार्जिंग पॉइंट बनाए जाएंगे। भविष्य में इन्हें सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए सोलर प्लेट लगाने की भी योजना है।

भविष्य की योजनाएं

यात्रियों की संख्या बढ़ने पर 100 सीटों वाले बड़े जहाज भी लाए जा सकते हैं। वाटर मेट्रो सेवा का विस्तार भविष्य में पटना के उत्तर में स्थित गंडक, सोनपुर, हाजीपुर, कोनहरा, दानापुर, बिदुपुर, दीदारगंज, कच्ची दरगाह और सबलपुर जैसे अन्य क्षेत्रों तक भी किया जा सकता है। इस सेवा का संचालन बिहार पर्यटन विकास निगम करेगा, जिससे यात्रियों के साथ-साथ पर्यटकों को भी गंगा के सुंदर घाटों का आनंद लेने का मौका मिलेगा।