Bihar Teacher News : शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने किया ऐलान, बिहार में इस दिन से शुरू होगी शिक्षकों और लाइब्रेरियन की भर्ती प्रक्रिया

PATNA : शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि राज्य में टीआरई 4 के तहत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 14 जनवरी तक बीपीएससी के पास अधियाचना भेजी जाएगी। इसके लिए रोस्टर क्लीयरेंस का कार्य किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री सोमवार को सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को प्रगतिशील और विकसित बिहार बनाने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। इसमें शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षा में गुणात्मक सुधार करने के साथ ही आम लोगों तक सरल और समावेशी शिक्षा पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का बजट वर्ष 2005 में 4341 करोड़ था, जो वर्ष 2025 में बढ़कर 72,652.44 करोड़ हो गया है। सात निश्चय तीन के अंतर्गत चतुर्थ निश्चय-उन्नत शिक्षा, उज्ज्वल भविष्य के तहत शिक्षा विभाग के द्वारा कार्य शीघ्रता से किए जा रहे हैं। इसी के तहत अलग नया उच्च शिक्षा विभाग बनाया गया है। उसमें स्थायी पदों के सृजन हेतु आवश्यक कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार पहले से ही ज्ञान का केंद्र रहा है उसे पुनः स्थापित करने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित पोषाक योजना, साइकिल योजना, मध्याह्न भोजन योजना सहित विभिन्न योजनाओं के बारे में कहा कि इससे राज्य के छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रही हैं। इससे विद्यालयों में इनकी संख्या काफी बढ़ी है। जिससे वर्तमान में सरकारी विद्यालयों में 1.76 करोड़ छात्र-छात्राओं की संख्या है। शिक्षकों की समस्याओें पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

साढ़े पांच हजार से अधिक पदो पर होगी लाइब्रेरियन की नियुक्ति

शिक्षा मंत्री ने बताया कि टीआरई-4 के बाद राज्य में साढ़े पांच हजार पदों पर लाइब्रेरियन की नियुक्ति की जाएगी। रोस्टर क्लीयरेंस और सक्षमता परीक्षा के बाद बीपीएससी के पास इसकी अधियाचना भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए राज्य में सात हजार विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसकी अधियाचना भेज दी गई है।

प्रत्येक प्रखंड में आदर्श विद्यालय और डिग्री कॉलेज की होगी स्थापना

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में एक विद्यालय को चिन्हित करते हुए उसे आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य के ऐसे प्रखंडों में जहां डिग्री कॉलेज नहीं है वहां नए डिग्री कॉलेज की स्थापना की जाएगी। वहीं राज्य के पुराने एवं प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से कार्ययोजना तैयार कर संस्थानों का चयन किया जा रहा है।

बीपीएसी के माध्यम से अबतक 227195 शिक्षकों की हुई नियुक्ति

उन्होंने बताया कि टीआरई वन से लेकर थ्री तक में कुल 2,27,195 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और उन्हें एतिहासिक समय में योगदान करा दिया गया है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न पंचायतों में बहाल हुए शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा दिलाई जा रही है। अभी तक करीब सक्षमता परीक्षा पास करने वाले 266786 शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार राज्य में 28,748 प्रधान शिक्षक और 4,699 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की गई है। बिहार में वर्ष 2005 में 2.04 लाख शिक्षक थे। वर्ष 2025 में राज्य के 78 हजार विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या 5.87 लाख हो गई है। इसके अलावा अनुकंपा के आधार पर 5614 आश्रितों को नियुक्त किया गया है। अंगीभूत महाविद्यलयों में नियुक्ति के लिए 2849 सहायक प्राध्यापकों की अनुशंसा बिहार लोक सेवा आयोग के पास भेजी गई है।

गरीबी रेखा से नीचे के बच्चों का ज्ञानदीप पोर्टल से होगा ऑनलाइन नामांकन

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून को निजी विद्यालयों में कड़ाई से लागू किया जाएगा। राज्य के प्रास्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों में क्षमता के अनुरूप कमजोर वर्ग एवं अलाभकारी समूह के 25 फीसदी छात्रों का शैक्षणिक सत्र 2026-27 में नामांकन कराया जाएगा। इसके लिए ज्ञानदीप पोर्टल 22 दिसंबर से शुरू किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन होगा। इसमें अनाथ बच्चों को भी कमजोर वर्ग एवं अलाभकारी समूह के बच्चों में शामिल किया गया है।

साक्षरता दर और स्कूल नामांकन में सुधार

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2001 की जनगणना में महिला साक्षरता दर जहां 33.57 प्रतिशत थी, वहीं 2023 की जाति आधारित जनगणना के अनुसार यह बढ़कर 73.91 प्रतिशत हो गई है। पुरुष साक्षरता दर भी बढ़कर 84.91 प्रतिशत हो चुकी है। विद्यालय से बाहर रहने वाले बच्चों को उम्र-सापेक्ष कक्षाओं में लाने के लिए उत्प्रेरण केंद्र, उन्नयन केंद्र, प्रयास केंद्र और तालीमी मरकज जैसी योजनाएं चलाई गईं, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2005 से वर्ष 2024 तक स्कूल से बच्चों की ड्रॉप आउट 12 प्रतिशत से घटकर एक प्रतिशत से भी कम हो गई है। मुख्यमंत्री कन्या स्नातक प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि को ₹25,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के तहत 1.98 लाख छात्राओं को लगभग 990 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

डिजिटल शिक्षा को नई मजबूती

राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और तकनीक-आधारित बनाने के लिए डिजिटल पहलों को तेज़ किया गया है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 13,138 टैबलेट वितरित किए गए हैं। इसके माध्यम से शिक्षक उपस्थिति, छात्र उपस्थिति और पीएम पोषण योजना की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। राज्य में आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास और इंटीग्रेटेड साइंस लैब का भी व्यापक विस्तार किया गया है। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंन्द्र, सचिव दिनेश कुमार, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. एनके अग्रवाल, निदेशक प्रशासन मनोरंजन कुमार, उपनिदेशक जनसंपर्क दिनेश कुमार उपस्थित थे।