Bihar Election 2025 : एक ही शहर में अलग अलग केन्द्रों पर होगी तेजप्रताप और तेजस्वी के मतों की गणना, सुरक्षा के किये पुख्ता इंतजाम

Bihar Election 2025 ; तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव की सीट राघोपुर और महुआ के मतगणनकी चुनाव आयोग ने अलग-अलग व्यवस्था कर दी है।

दो भाईयों के मतों की गणना - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए निर्वाचन आयोग ने वैशाली जिले में खास व्यवस्था की है। इस बार वैशाली की दो सबसे हाई-प्रोफाइल सीटों - राघोपुर और महुआ, जहाँ क्रमशः राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुख्यमंत्री कैंडिडेट तेजस्वी यादव और जनशक्ति जनता दल (JJD) के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ रहे हैं - के वोटों की गिनती अलग-अलग केंद्रों पर होगी। आयोग ने वैशाली जिले की 8 सीटों के लिए दो मतगणना केंद्र स्थापित किए हैं, जबकि पड़ोस के पटना जिले में 14 सीटों के लिए केवल एक ही केंद्र बनाया गया है, जो इस व्यवस्था को दिलचस्प बनाता है।

हाजीपुर आईटीआई में तेजस्वी की राघोपुर सीट की गिनती

महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट के मतों की गिनती हाजीपुर शहर में स्थित लड़कों के आईटीआई (ITI) प्रशिक्षण संस्थान में होगी। इस केंद्र पर राघोपुर के साथ-साथ हाजीपुर और पातेपुर विधानसभा सीटों के मत भी गिने जाएंगे। आईटीआई केंद्र को विशेष रूप से इसीलिए चुना गया है ताकि मतगणना के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। यह तेजस्वी यादव के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहाँ से उनके राजनीतिक भविष्य का फैसला होगा।

तेज प्रताप की महुआ सीट समेत 5 सीटों की गिनती आरएन कॉलेज में

वहीं, तेज प्रताप यादव की महुआ विधानसभा सीट की मतगणना हाजीपुर के दूसरे प्रमुख मतगणना केंद्र आरएन कॉलेज (RN College) में होगी। इस कॉलेज में महुआ सीट के अलावा वैशाली जिले की चार अन्य सीटों – महनार, लालगंज, वैशाली और राजापाकर – के मत भी गिने जाएंगे। लोकसभा चुनाव के दौरान आरएन कॉलेज में ही हाजीपुर सीट के अंतर्गत आने वाली 6 सीटों की गिनती हुई थी, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में जगह की कमी को देखते हुए मतगणना स्थल को दो केंद्रों में विभाजित करने का निर्णय लिया गया है।

जगह की कमी बनी विभाजन का कारण, प्रशासनिक सुविधा को प्राथमिकता

वैशाली जिले की 8 सीटों के लिए दो केंद्र बनाने का मुख्य कारण प्रशासनिक सुविधा और खासकर आरएन कॉलेज में जगह की कमी को बताया गया है। जबकि पटना जिले में 14 विधानसभा सीटों के मतों की गिनती एक ही केंद्र (एएन कॉलेज) में करने की व्यवस्था की गई है, वैशाली में यह विभाजन दिखाता है कि निर्वाचन आयोग ने सीटों की संख्या की बजाय मतगणना कर्मियों और एजेंटों के लिए पर्याप्त और सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी है। इस दोहरी व्यवस्था से मतगणना प्रक्रिया के दौरान अनावश्यक भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

मतगणना प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर

दो हाई-प्रोफाइल सीटों पर अलग-अलग केंद्रों पर गिनती की यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि संपूर्ण मतगणना प्रक्रिया सुव्यवस्थित और पूरी तरह से पारदर्शी हो। दोनों केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और मतगणना के हर चरण पर आयोग की कड़ी निगरानी रहेगी। वैशाली के इन दोनों केंद्रों से जल्द ही बिहार की राजनीति के दो प्रमुख चेहरों - तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव - के चुनावी भाग्य का फैसला होगा, जिस पर पूरे राज्य की निगाहें टिकी हुई हैं।