Bihar Bridge: बिहार के गांव होंगे चकाचक, चुनाव से पहले नीतीश सरकार खर्च करेगी तीन हजार करोड़ रुपए, डेढ़ साल में बनेंगे 450 से अधिक पुल

Bihar Bridge: नीतीश सरकार ने गांवों की सूरत बदलने के लिए अहम फैसला लिया है। इससे गांव के साथ शहर के लोग भी खुश हो जाएंगे।

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बिहार के गांवों के गांव होंगे चकाचक- फोटो : Hiresh Kumar

Bihar Bridge: बिहार में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और संपर्क सुधार के लिए नीतीश सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है, जिसके तहत अगले डेढ़ साल में 450 से अधिक पुलों का निर्माण किया जाएगा। यह योजना, जिसे मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु निर्माण योजना के नाम से जाना जाता है, ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और गांवों को शहरों से जोड़ने के उद्देश्य से सितंबर 2024 में स्वीकृत की गई थी। इस पहल का मुख्य लक्ष्य उन ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध सड़क संपर्क सुनिश्चित करना है, जहां बरसात, बाढ़, या जर्जर पुलों के कारण आवागमन बाधित होता है। यह लेख इस योजना के विभिन्न पहलुओं, इसके महत्व, कार्यान्वयन की प्रक्रिया, और ग्रामीण विकास पर इसके प्रभाव को विस्तार से探讨 करता है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु निर्माण योजना बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क संपर्क को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत 450 से अधिक पुलों का निर्माण होगा। ग्रामीण कार्य विभाग ने इन पुलों के निर्माण के लिए जून-जुलाई 2025 तक टेंडर जारी करने की योजना बनाई है, और निर्माण कार्य डेढ़ साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है। इन पुलों के निर्माण पर लगभग 2,977.12 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। योजना के तहत अब तक 14 पुलों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दी जा चुकी है, जिन पर 117.64 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शेष परियोजनाओं की स्वीकृति जल्द दी जाएगी। इस अवधि में 700 नए पुलों के निर्माण की योजना है, जिसके लिए 3,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

बिहार के कई ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात और बाढ़ के कारण सड़क संपर्क टूट जाता है। पुराने और जर्जर पुलों की जगह नए और मजबूत पुल बनाए जाएंगे, ताकि ग्रामीणों को साल भर आवागमन में सुविधा हो। उन क्षेत्रों में नए पुल बनाए जाएंगे, जहां पहले कोई पुल नहीं था, जिससे अधूरे रास्तों को पूरा किया जा सके।कई मौजूदा पुलों के पास पहुंच पथ (एप्रोच रोड) की कमी है। इस योजना के तहत ऐसे पुलों के लिए एप्रोच रोड बनाए जाएंगे, ताकि उनकी उपयोगिता बढ़े।

सरकार का मानना है कि यह योजना केवल पुल निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास की आधारशिला है। इससे किसानों को अपनी उपज मंडी तक पहुंचाने, बच्चों को स्कूल जाने, और आपात स्थिति में चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचने में आसानी होगी।

ग्रामीण कार्य विभाग वर्तमान में इन पुलों की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार कर रहा है। बरसात से पहले टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश की जा रही है।सभी जिलों से जिला संचालन समितियों द्वारा अनुशंसित प्रस्तावों की समीक्षा की जा रही है। इससे परियोजनाओं का चयन और स्वीकृति प्रक्रिया पारदर्शी और त्वरित होगी।100 मीटर तक की लंबाई वाले पुलों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग करेगा, जबकि 100 मीटर से अधिक लंबाई वाले पुलों का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को सौंपा जाएगा।

बहरहाल नीतीश सरकार की मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु निर्माण योजना बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव कर सकती है। 450 से अधिक पुलों का निर्माण न केवल आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक एकीकरण को भी बढ़ावा देगा। हालांकि, गुणवत्ता, समयबद्धता, और पारदर्शिता सुनिश्चित करना इस योजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा। नीतीश सरकार का यह कदम ग्रामीण बिहार को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, और अगर इसे प्रभावी ढंग से लागू किया गया, तो यह गांवों की सूरत बदल सकता है।


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