Bihar Assembly Election 2025: सोशल मीडिया पर राजद और भाजपा के बीच छिड़ा AI वीडियो-पोस्टर वार, क्या मर्यादा लांघ रहा है प्रचार? जानें पूरी बात

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजग और महागठबंधन के बीच सोशल मीडिया पर पोस्टर और वीडियो युद्ध तेज हो गया है। जानिए कैसे एआई और नकारात्मक प्रचार बन रहे हैं चुनावी हथियार।

Bihar Assembly Election 2025
बिहार में पार्टी के बीच डिजिटल वॉर- फोटो : social media

Bihar Assembly Election 2025: जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां तेज हो रही हैं, राज्य में राजनीतिक दलों के बीच सोशल मीडिया प्रचार की प्रतिस्पर्धा भी चरम पर पहुंच गई है।राजग (NDA) और महागठबंधन (I.N.D.I.A.) के बीच अब संघर्ष केवल मंचों पर नहीं, बल्कि एक्स (Twitter) जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वीडियो, पैरोडी और मीम्स के माध्यम से हो रहा है।

राजद सबसे अधिक मुखर, भाजपा तुलनात्मक रूप से संयमित

RJD तीखे व्यंग्य, भावनात्मक अपील, आक्रामक भाषा का इस्तेमाल कर रहा है।राजद के वीडियो में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले किए जा रहे हैं।वीडियो में महंगाई, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवा में विफलता को प्रमुख रूप से उठाया गया है।लालू प्रसाद यादव के पुराने व्यंग्य और हास्य रस के वीडियो को एआई से मॉडिफाई कर वायरल किया गया है।नरेंद्र-नीतीश को बिहार बर्दाश्त नहीं करेगा”❞ जैसे नारे और पोस्ट भावनात्मक स्तर पर जनता को जोड़ने की कोशिश हैं। मंगल पांडे पर हमला करते हुए दुष्कर्म पीड़िता की मौत को आधार बनाकर लिखा गया कि और कितनी बलि लोगे अमंगल पांडे? आत्मा धिक्कारती नहीं है?”

भाजपा: विकास पर जोर, सीमित कटाक्ष, तुलनात्मक अपील

भाजपा के पोस्ट तुलनात्मक, तथ्य-आधारित और अपेक्षाकृत मर्यादित हैं।लालू शासन बनाम वर्तमान शासन के बीच पटना-गया सड़क यात्रा के समय को आधार बनाकर फर्क बताया गया कि 102 KM की दूरी लालू राज में 6:43 घंटे लगते थे, अब 1:50 घंटे लगते हैं। हालांकि कुछ पोस्ट में राहुल गांधी पर निजी कटाक्ष भी देखने को मिलते हैं, जिसमें कहा गया है कि  शहजादे न भरोसे के काबिल हैं, न इज्जत के हकदार।

एआई का उपयोग: तकनीक अब प्रचार का हथियार

वीडियो बनाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग अब नया ट्रेंड बन चुका है।राजद ने लालू यादव की शैली में मशीन लर्निंग आधारित वीडियो जेनरेशन से कंटेंट तैयार किया।हालांकि कई बार ये वीडियो पैरोडी की जगह अव्यवस्थित और विवादित होते नजर आए।

क्या यह तकनीकी प्रयोग आम जनता को जोड़ पा रहा है?

समाज विशेष के लोग राजद की वीडियो की वाहवाही कर रहे हैं। परंतु विपरीत वर्ग ‘माई-बाप’, ‘तू-तड़ाक’ जैसी अपशब्दों में प्रतिक्रिया दे रहे हैं।यह प्रचार कभी-कभी व्यक्तिगत आरोपों तक जा पहुंचता है। राजद जहां भावनात्मक मुद्दों को बार-बार दोहरा रही, वहीं भाजपा व्यक्तित्व से अधिक कृतित्व पर ध्यान दे रही है।