Voter List Revision: बिहार की तरह ही पूरे देश में होगा वोटर लिस्ट पुनरीक्षण, चुनाव आयोग की तैयारी, कोर्ट में सुनवाई के बीच बड़ी खबर

Voter List Revision: देश के कई राज्यों में इससे पहले 2002 से 2004 के बीच विशेष गहन पुनरीक्षण हुए थे। यही सूची इस बार की प्रक्रिया में आधार बनेगी। बिहार में इस समय 2003 की मतदाता सूची को लेकर विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है।

Voter List Revision- फोटो : social media

Voter List Revision: बिहार की तरह अब पूरे देश में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) शुरू करने की तैयारी तेज हो गई है। निर्वाचन आयोग ने इसके लिए सभी राज्यों में अपनी चुनाव मशीनरी को सक्रिय कर दिया है। यह प्रक्रिया मतदाता सूचियों की व्यापक जांच और सफाई के लिए की जा रही है, ताकि अवैध विदेशी नागरिकों को पहचानकर सूची से हटाया जा सके। आयोग की योजना है कि मतदाता सूची में दर्ज लोगों के जन्म स्थान की जांच करके विदेशी घुसपैठियों को बाहर किया जाए।

विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

हालांकि इस प्रक्रिया का कुछ विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने विरोध किया है। उन्होंने आशंका जताई कि इस कवायद से कई पात्र नागरिकों का नाम वोटर लिस्ट से हट सकता है। जिससे उनका मताधिकार छिन जाएगा। इसी को लेकर मामला शीर्ष अदालत में पहुंचा है। अब इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई को फिर सुनवाई करेगा। इसके बाद ही निर्वाचन आयोग राष्ट्रव्यापी पुनरीक्षण पर अंतिम फैसला लेगा।

पुराने पुनरीक्षण की सूची बनेगी आधार

देश के कई राज्यों में इससे पहले 2002 से 2004 के बीच विशेष गहन पुनरीक्षण हुए थे। यही सूची इस बार की प्रक्रिया में आधार बनेगी। बिहार में इस समय 2003 की मतदाता सूची को लेकर विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है। दिल्ली में 2008 में आखिरी व्यापक पुनरीक्षण हुआ था, जिसकी मतदाता सूची दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। उत्तराखंड में यह प्रक्रिया 2006 में हुई थी और वहां की मतदाता सूची भी अब ऑनलाइन देखी जा सकती है। इन्हीं पुराने पुनरीक्षणों के डेटा को इस बार पुनः सत्यापन का आधार बनाया जाएगा।

चुनावी राज्यों में अहम कदम

बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 में प्रस्तावित हैं। ऐसे में इन राज्यों के लिए मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण और भी अहम हो जाता है। खासकर बांग्लादेश व म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों के मुद्दे के मद्देनजर।

क्या कहा अधिकारियों ने?

निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, 28 जुलाई के बाद सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई के बाद हम पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण की अंतिम रूपरेखा पर निर्णय लेंगे।" इस कवायद से मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने के साथ-साथ फर्जी व अवैध प्रवासियों के नाम हटाकर निष्पक्ष चुनाव कराने की कोशिश की जाएगी। यह कदम भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को और अधिक पारदर्शी और मजबूत बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। अब सभी की निगाहें 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और निर्वाचन आयोग के अगले कदम पर टिकी हैं।