Bihar Mahila Rozgar Yojna: रोजगार में बेहतर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को मिलेगी 2 लाख की सहायता , बिहार में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय

जिन महिलाओं का व्यवसाय मजबूत होगा, सरकार उन्हें 2 लाख रुपये तक का अतिरिक्त सहयोग देगी।...

रोजगार में बेहतर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को मिलेगी 2 लाख की सहायता- फोटो : social Media

Bihar Mahila Rozgar Yojna:बिहार विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को दो महत्वपूर्ण घटनाओं की साक्षी बनी। एक तरफ नरेंद्र नारायण यादव का निर्विरोध उपाध्यक्ष चुना जाना, और दूसरी ओर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का संयुक्त सत्र में दिया गया संबोधन, जिसमें उन्होंने महिला सशक्तिकरण से लेकर राज्य के विकास एजेंडे तक कई बड़े संदेश दिए।ज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का संयुक्त सत्र में अभिभाषण सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि सरकार के पिछले कार्यों और भविष्य की योजना का विस्तृत खाका साबित हुआ। उन्होंने विशेष तौर पर मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि जिन महिलाओं का व्यवसाय मजबूत होगा, सरकार उन्हें 2 लाख रुपये तक का अतिरिक्त सहयोग देगी। यह घोषणा स्पष्ट करती है कि बिहार सरकार महिलाओं को केवल सहायता देने तक सीमित नहीं, बल्कि उन्हें उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए गंभीर है।

राज्यपाल ने याद दिलाया कि इस योजना के तहत अब तक बड़ी संख्या में महिलाओं को 10 हजार रुपये नकद सहायता दी जा चुकी है और आगे यह पहल ग्रामीण और शहरी—दोनों क्षेत्रों की आर्थिक संरचना को मजबूत करेगी।

विधानसभा में नरेंद्र नारायण यादव के निर्विरोध उपाध्यक्ष चुने जाने की घोषणा होते ही सदन में व्यापक सहमति और लोकतांत्रिक परिपक्वता का संकेत स्पष्ट नजर आया। विपक्ष द्वारा कोई उम्मीदवार न उतारना यह दिखाता है कि सदन महत्वपूर्ण पदों पर स्थिरता और निष्पक्ष नेतृत्व चाहता है। पदभार ग्रहण करने के साथ ही यादव की जिम्मेदारी और बढ़ गई है—अब उन्हें सदन में अध्यक्ष की अनुपस्थिति में निष्पक्ष और संवैधानिक मर्यादा के अनुरूप कार्यवाही का संचालन करना होगा। उनका अनुभव और संतुलित राजनीतिक व्यक्तित्व इस भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाएगा।

संयुक्त सत्र की चर्चा के बीच राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती पर दी गई श्रद्धांजलि भी भावनात्मक और ऐतिहासिक महत्व रखती है। राजेंद्र चौक पर आयोजित राजकीय समारोह में माल्यार्पण के बाद उन्होंने स्वदेशी कंबल आश्रम की चरखा चलाती महिलाओं को साड़ी वितरण कर उन्हें प्रोत्साहित किया। इसके बाद राजेंद्र घाट स्थित समाधि स्थल पर दोनों शीर्ष नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित की, जिससे समारोह में राष्ट्रीय गौरव और बिहार की विरासत की झलक दिखाई दी।

कुल मिलाकर, बुधवार का दिन बिहार की राजनीति में सहमति, सशक्तिकरण और सम्मान तीनों का संतुलित संगम साबित हुआ।