Bihar Politics : जदयू नेता मधुरेंदु पाण्डेय ने सीएम नीतीश को बताया "सियासी कोहिनूर", कहा जाति धर्म से ऊपर उठकर किया बिहार का विकास

Bihar Politics : जदयू नेता मधुरेंदु पाण्डेय ने सीएम नीतीश को सियासी कोहिनूर बताया है. उन्होंने कहा की नीतीश कुमार ने जाति धर्म से ऊपर उठकर बिहार का विकास किया है...पढ़िए आगे

Bihar Politics : जदयू नेता मधुरेंदु पाण्डेय ने सीएम नीतीश को बताया "सियासी कोहिनूर", कहा जाति धर्म से ऊपर उठकर किया बिहार का विकास
नीतीश कुमार सियासी कोहिनूर - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : जदयू नेता डॉ. मधुरेंदु पांडेय एवं पल्लवी पटेल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार का राजनीतिक कोहिनूर बताते हुए कहा कि बिहार के लिए यह सौभाग्य की बात है कि राजनीतिक क्षेत्र में नीतीश कुमार के रूप में ऐसा अनमोल रत्न  मिला जो कि राजधर्म का पालन करते हुए सत्ता का उत्कृष्ठ संचालन कर बिहार जैसे अति पिछड़े राज्य में विकास की धारा बहा कर देश की चहुंमुखी विकास के साथ जोड़ा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार का अब तक का सबसे बेहतर मुख्यमंत्री करार देते हुए कहा कि बिहार को अब तक ऐसा मुख्यमंत्री नहीं मिला है जो जाति और धर्म से ऊपर उठकर बिहार की सर्वांगीण विकास के लिए अनवरत गंभीर और संवेदनशील रहे। 

डॉ पांडेय ने कहा कि बढ़ते और बदलते बिहार के पूर्ण विकास के लिए 2025 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अहम जरूरत है। विपक्ष को अनुभवहीन व नेतृत्व विहीन करार देते हुए कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई विकल्प मौजूद नहीं है। विपक्ष में जाति आधारित राजनीति करने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है साथ ही आधे दर्जन नेता मुख्यमंत्री के दावेदार हैं। जिसका बिहार में आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में बिहार की जो तस्वीर है उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अहम योगदान है।

पाण्डेय ने कहा की वर्तमान दौर में एक ओर जहां विपक्षी नेता बयानवीर बन रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री जन संपर्क कर करीब से पुरूष व महिलाओं के सामुहिक विकास का रास्ता तलाशने का काम किया है। जाहिर सी बात है कि सूबे का विपक्ष बेकाम हो गयी है। महिला समाज के प्रति दोयम दर्जा रखने वाले राजद प्रमुख खुद तो हासिए पर चले गये है। अब वे बिहार की जनता के बीच अनर्गल बातें करते हुए राजनीतिक दलों को भ्रम में रखने की जुगत में हैं। लेकिन बिहार की सभी महिलाएं राजद की दोहरी भूमिका को समझ गयी हैं। यही कारण है कि इस यात्रा में महिलाओं की रूची बढ़ी है।

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