Bihar Land Survey: मंत्री दिलीप जायसवाल का ऐलान, तीन महीने के अंदर इस तरह की जमीन का दाखिल खारिज हर हाल में, अफसरों को निर्देश

Bihar Land Survey: बिहार में जमीन विवाद को लेकर नीतीश सरकार एक्शन मोड में हैं. भूमि राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा की इस तरह की जमीन का हर हाल 3 महीने के भीतर दाखिल खारिज कराया जायेगा. जिससे जमीन की लूट रुक जाएग...पढ़िए आगे

Bihar Land Survey: मंत्री दिलीप जायसवाल का ऐलान, तीन महीने के अंदर इस तरह की जमीन का दाखिल खारिज हर हाल में, अफसरों को निर्देश
अवैध कब्ज़ा पर एक्शन - फोटो : vandana sharma

PATNA : बिहार में जमीन को लेकर नीतीश सरकार कई कदम उठा रही है। इसी कड़ी में बिहार में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। वहीँ बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नए कानून बनाकर बेतिया राज की 15 हज़ार एकड़ जमीन को सरकार में निहित किया गया है। इसके बाद अब बिहार सरकार की नजर सरकार की जमीनों पर अवैध कब्जों पर है। बिहार सरकार के भूमि राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने NEWS4NATION की संवाददाता वंदना शर्मा से बातचीत के दौरान कहा की जमीन विवाद का सबसे ज्यादा मामला जमीन माफिया और सरकारी जमीन पर कब्जे का है। इस तरह की जमीन पर लोगों की कौवा की तरह नजर लगी हुई थी। बिहार में जितने भी सरकारी जमीन है। मैंने आदेश दे दिया है कि 3 महीने के भीतर उनका दाखिल खारिज कराया जाए। जिससे सरकारी जमीन का जिस तरह से लूट होता था। उसे पर रोक लग जाए। 

उधर बिहार में जमीन सर्वे को लेकर दिलीप जायसवाल ने कहा की भूमि राजस्व मंत्री बनने के बाद हमारे सामने दो तरह की चुनौती थी। एक तो बिहार के अंदर भूमि सर्वे करना। सर्वे का मतलब है कि आज से 130 साल पहले हुआ था। बीच में रिविजनल सर्वे हुआ था। लेकिन 130 साल से सर्व नहीं होने के कारण पूरे बिहार के अंदर जमीन विवाद को लेकर खूनी संघर्ष होता था। थाना में 35 से लेकर 37% तक मामले भूमि विवाद को लेकर है। 17 से 20% मुकदमे कोर्ट में सिविल सूट और टाइटल सूट को लेकर है। इसके तहत पूरे बिहार में तरह-तरह की घटनाएं घटती थी।

दिलीप जायसवाल ने कहा की मैंने सर्वे करने का बीड़ा उठाया है। सर्वे करने के लिए जो समस्याएं हमारे पास आई। उसका समाधान करने के लिए प्रयास किया। लगभग 75 लाख लोगों ने अभी तक सिर्फ डिक्लेरेशन कर दिया है। यानी करीब 25% से अधिक सर्वे कंप्लीट करके दावा आपत्ति लेने के लिए तैयार है। बचे हुए लोगों में से 15 से 20% लोगों का मामला कोर्ट में चल रहा है। इसका सर्वे नहीं हो सकता है। इस बीच में जितने लोग बचे थे। उन लोगों की समस्याएं थी पेपर का, वंशावली का, परिमार्जन का सब चीजों में हमने उनका मदद करना शुरू कर दिया। क्योंकि सरकार जनता की मदद करके सर्वे का काम कराएगी तो सर्वे का काम आसान हो जाएगा।

वहीँ बेतिया राज की जमीन के अधिग्रहण के मामले पर दिलीप जायसवाल ने कहा कि वहां की रानी को कोई संतान नहीं था। उसके बाद बेतिया राज की जमीन का लूट किया जा रहा था। कुल 15000 एकड़ जमीन था। जिसके लिए हमने कानून बनाया कि इस पर अब कोई केस नहीं हो सकता है। सारी जमीन अब सरकार में निहित हो गई है। जो गरीब इस जमीन पर रहते आ रहा है। वह अपना अपील करेंगे। यदि अपील सही पाया जाएगा तो उसे इस अधिग्रहण से अलग रखा जाएगा। तुरंत किसी को विस्थापित करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

वंदना शर्मा की रिपोर्ट

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