Bihar election 2025: समस्तीपुर में मिला वीवीपैट पर्चियों का ढेर! मचा हड़कंप, दो अधिकारी निलंबित, FIR दर्ज

Bihar election 2025: समस्तीपुर जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में हजारों वीवीपैट पर्चियां कूड़े के ढेर में मिलने से हड़कंप मच गया। प्रशासन ने जांच शुरू करते हुए दो अधिकारियों को निलंबित किया और कई पर FIR दर्ज की।

समस्तीपुर में वीवीपैट पर्ची- फोटो : social media

Bihar election 2025: समस्तीपुर जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के शीतलपट्टी गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब ग्रामीणों ने 8 नवंबर की सुबह कूड़े के ढेर में हजारों वीवीपैट (VVPAT) पर्चियां बिखरी देखीं।यह वही क्षेत्र है जहां 6 नवंबर को पहले चरण के तहत मतदान संपन्न हुआ था।ग्रामीणों ने तुरंत इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी, जिसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।

डीएम और एसपी ने मौके पर की जांच

घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा और पुलिस अधीक्षक अरविंद प्रताप सिंह दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।दोनों अधिकारियों ने मौके पर मौजूद सभी वीवीपैट पर्चियों को जब्त कर सील किया।डीएम ने कहा कि पर्चियों पर छपे बूथ कोड और पहचान नंबर के आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि ये किस मतदान केंद्र से संबंधित हैं।उन्होंने इसे “गंभीर लापरवाही” बताते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

दो अधिकारी निलंबित, कई पर FIR

जांच के प्रारंभिक चरण में प्रशासन ने दो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।इसके अलावा, कई अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।डीएम कुशवाहा ने कहा कि घटना की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है, जो यह पता लगाएगी कि ये पर्चियां सुरक्षित स्थान से बाहर कैसे पहुंचीं।

राजनीतिक दलों ने उठाए सवाल

इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हड़कंप मचा दिया है। राजद प्रत्याशी अरविंद सहनी ने आरोप लगाया कि मतगणना से पहले वीवीपैट पर्चियों का खुले में मिलना लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गहरा धब्बा है। प्रशासन को पारदर्शी जांच कर दोषियों को तुरंत सज़ा देनी चाहिए।अन्य दलों के नेताओं ने भी इस मामले को चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाने वाला बताया और निगरानी बढ़ाने की मांग की है।

क्या होती है वीवीपैट पर्ची और क्यों ज़रूरी है

वीवीपैट (Voter Verifiable Paper Audit Trail) वह प्रणाली है जो मतदाता को यह दिखाती है कि उसका वोट किस उम्मीदवार को गया।मतदान के बाद इन पर्चियों को सील कर सुरक्षित रखा जाता है ताकि किसी विवाद या पुनर्गणना की स्थिति में इनका उपयोग किया जा सके।ऐसे में हजारों पर्चियों का खुले में मिलना प्रशासनिक चूक से कहीं अधिक गंभीर मामला माना जा रहा है।

प्रशासन ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी

डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से की जाएगी।यदि किसी स्तर पर जानबूझकर गड़बड़ी या लापरवाही की पुष्टि होती है, तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”वीवीपैट पर्चियों की बैच संख्या और बूथ कोड की जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि ये किस मतदान केंद्र से संबंधित थीं और वहां से कैसे बाहर पहुँचीं।