Bihar news - अपनी जड़ों की ओर लौटी NRI की बेटी, पैतृक गांव में शुरू किया यह काम, ग्रामीण भी करने लगे पूरा समर्थन

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पूर्वजों के गांव पहुंचा एनआरआई का परिवार- फोटो : रंजन कुमार

Sasaram - खबर रोहतास जिला के अकोढीगोला के भीम करूप गांव से है। जहां अमेरिका के न्यूयॉर्क में पिछले कई पीढ़ियों से रह रही एक अप्रवासी भारतीय परिवार की युवती स्मृता मेघमाला चौबे अपने जड़ों की ओर लौटी है और अपने पैतृक गांव में जड़ी बूटी की खेती शुरू की है। न्यूयॉर्क में आयुर्वेदिक प्रोडक्ट के उत्पादन एवं बिक्री का काम करने वाली स्मिता चौबे अब अपने पैतृक गांव में जड़ी बूटी की खेती करेगी और यहां के जड़ी बूटियां से अमेरिका में आयुर्वेदिक मेडिसिन बनाकर बिक्री करेगी। 

बता दें कि स्मिता मेघमाला चौबे का न्यूयॉर्क में "वेदा-वॉरियर्स" नामक कंपनी चलाती है, जो अमेरिका में आयुर्वेद को बढ़ावा देने वाली प्रमुख कंपनियों में एक है। दुनिया के अलग-अलग देशों से जड़ी-बूटी का आयात कर मेडिसिन मैन्युफैक्चर करती है और उसे अमेरिका के बाजार में बेचती है। लेकिन इस बार स्मिता ने आयुर्वेदिक जड़ी बूटी को उगाने के लिए अपने पैतृक गांव को चुना है।

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पूरे परिवार के साथ पहुंची गांव 

अपने पूरे परिवार के साथ वह अकोढीगोला के भीम-करूप गांव पहुंची है तथा अपने 10 एकड़ के पुश्तैनी जमीन पर आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के खेती की शुरुआत की है। जिसमें स्थानीय ग्रामीणों का भी सहयोग लिया है। स्मिता रहती है कि उनके परदादा भैयाराम चौबे का इलाके में बड़ा नाम था। उन्होंने अपने मेहनत से बहुत अचल संपत्तियां बनाई थी। लेकिन समय के साथ पूरा परिवार अमेरिका में जा बसा। ऐसे में उनके पैतृक गांव में खेती-किसानी छूट गई। अब वह अपने जड़ों की ओर लौटना चाहती है और अपने बाप दादाओं की पुश्तैनी जमीन में फिर से खेती करना चाह रही है। 

वेदा फार्मा और परिवार के लोगों के साथ स्मृता

यहां होगी जड़ी बूटी की खेती

खेती के लिए लेगी कृषी विश्वविद्यालय की मदद

इसके लिए वो कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों की मदद लेगी। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को भी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी एवं उसके उत्पादन को खुद खरीद लेगी। जिस गांव में ही लोगों को रोजगार मिलेगा। 

Report - Ranjan kumar 


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