Rahul Tejashwi Vote Adhikar Yatra : राहुल गांधी सासाराम पहुंचे, वोट अधिकार यात्रा से गरमाएगा बिहार का चुनावी माहौल, राहुल-तेजस्वी की जोड़ी भरेगी हुंकार
चुनावी अखाड़े में महागठबंधन ने एक नई रणनीति के तहत "वोट अधिकार यात्रा" का ऐलान किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव इस यात्रा की अगुवाई कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत ऐतिहासिक नगरी सासाराम से हुई है। ...
Rahul Tejashwi Vote Adhikar Yatra : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो चुकी है। इस बार चुनावी अखाड़े में महागठबंधन ने एक नई रणनीति के तहत "वोट अधिकार यात्रा" का ऐलान किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव इस यात्रा की अगुवाई कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत ऐतिहासिक नगरी सासाराम से हुई है। गयाजी एयरपोर्ट पर विमान से पहुंचे राहुल गांधी हेलिकॉप्टर के जरिए सीधे सासाराम पहुंचे, जहां आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने हरी झंडी दिखाकर इस यात्रा को रवाना किया।
सासाराम के सुअरा हवाई अड्डा मैदान में आयोजित विशाल जनसभा में उमड़े जनसैलाब ने माहौल को पूरी तरह चुनावी बना दिया। सभा स्थल पर "वोट चोर गद्दी छोड़" जैसे नारों की गूंज ने माहौल को और गरमा दिया। कांग्रेस और आरजेडी के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ महागठबंधन के अन्य दलों के समर्थकों की मौजूदगी ने साफ कर दिया कि यह यात्रा आगामी विधानसभा चुनाव में माहौल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सभा में पहुंचे पप्पू यादव ने कहा कि राहुल गांधी महज एक राजनीतिक यात्रा पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बचाने और संविधान की रक्षा के लिए निकले हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी नफरत मिटाने, युवाओं के रोजगार, किसानों की समस्याओं और चुनाव आयोग की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
इस यात्रा का सबसे बड़ा एजेंडा चुनाव आयोग के खिलाफ उठाए गए सवालों से जुड़ा है। वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) में कथित गड़बड़ियों का मुद्दा महागठबंधन के नेताओं ने जनता के बीच जोर-शोर से उठाने का फैसला किया है। राहुल और तेजस्वी जनता से सीधा संवाद करते हुए यह संदेश देंगे कि अगर वोटिंग प्रक्रिया ही संदिग्ध होगी, तो लोकतंत्र खतरे में पड़ सकता है।
"वोट अधिकार यात्रा" का पहला चरण 16 दिनों तक चलेगा और इसका समापन 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ होगा। यात्रा का रूट पहले ही घोषित किया जा चुका है।17 अगस्त को सासाराम से शुरू होकर यात्रा डेहरी ऑन सोन और रोहतास पहुंचेगी।18 से 19 अगस्त तक औरंगाबाद, गया, नवादा, बरबीघा होकर यात्रा आगे बढ़ेगी।20 को ब्रेक रहेगा, 21 को शेखपुरा, जमुई, मुंगेर के रास्ते यात्रा जारी रहेगी।22 और 23 अगस्त को यात्रा भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया पहुंचेगी।24 से 29 अगस्त तक अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान होते हुए यात्रा आगे बढ़ेगी।30 अगस्त को छपरा से आरा और 1 सितंबर को पटना में समापन होगा।
यह यात्रा सिर्फ महागठबंधन के लिए प्रचार अभियान नहीं, बल्कि विपक्षी एकजुटता की नई तस्वीर भी पेश कर रही है। राहुल गांधी का बिहार की सड़कों पर उतरना और तेजस्वी यादव के साथ कदमताल करना, दोनों ही घटनाएं सूबे की राजनीति में बड़ा संकेत हैं। महागठबंधन इस यात्रा के जरिए जनता को यह संदेश देना चाहता है कि वे न सिर्फ सत्ता परिवर्तन की लड़ाई लड़ रहे हैं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों की भी रक्षा कर रहे हैं।
बिहार की राजनीति में हमेशा से यात्राओं का खास महत्व रहा है। लालू यादव के दौर से लेकर नीतीश कुमार की "समाज सुधार यात्रा" तक, हर यात्रा ने चुनावी परिणामों को प्रभावित किया है। अब देखना यह होगा कि राहुल और तेजस्वी की "वोट अधिकार यात्रा" बिहार की चुनावी जमीन पर कितना असर डाल पाती है।