Pawan Singh Wife Jyoti Singh: पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह को मिली राहत, बिक्रमगंज केस में मिली जमानत, आधी रात की छापामारी से कोर्टरूम तक

भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी और काराकाट से निर्दलीय प्रत्याशी ज्योति सिंह को आचार संहिता उल्लंघन और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप वाले केस में बिक्रमगंज कोर्ट ने जमानत दे दी है।

पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह को मिली राहत- फोटो : reporter

Pawan Singh Wife Jyoti Singh: रोहतास ज़िले के बिक्रमगंज से सियासी और अपराध की दुनिया को जोड़ता एक मामला फिर सुर्खियों में है। भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी और काराकाट से निर्दलीय प्रत्याशी ज्योति सिंह को आचार संहिता उल्लंघन और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप वाले केस में बिक्रमगंज कोर्ट ने जमानत दे दी है।

वारदात जैसी उस रात की कहानी 10 नवंबर की देर रात से शुरू होती है, जब एसडीएम प्रभात कुमार ने अचानक उस होटल पर छापेमारी की, जहां ज्योति सिंह अपने समर्थकों संग ठहरी थीं। छापेमारी का माहौल एकदम क्राइम सीन जैसा हो गया कमरों में खटपट, गलियारों में हलचल और वार्डन जैसी सख़्ती लिए अफसरों की आवाज़ें। इसी दौरान एसडीएम और ज्योति सिंह के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें तेवर और तल्ख़ी दोनों देखने को मिले।

छापेमारी के बाद मामला और पेचीदा हो गया। एसडीएम प्रभात कुमार ने बिक्रमगंज थाना में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आचार संहिता उल्लंघन और सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराएँ लगाई गईं। आरोपपत्र में साफ लिखा था कि छापेमारी के दौरान टीम को रोका गया और प्रशासनिक कार्रवाई में व्यवधान उत्पन्न किया गया।

यह मामला ACJM कोर्ट में सुना गया, जहां दोनों पक्षों की दलीलें चलीं। सरकारी पक्ष ने आरोपों को गंभीर बताया, वहीं बचाव पक्ष ने पूरी कार्रवाई को राजनीतिक रंजिश और साज़िश बताया। विस्तृत सुनवाई के बाद अदालत ने ज्योति सिंह को जमानत दे दी।

कोर्ट से बाहर निकलते ही ज्योति सिंह ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर उन्हें झूठे मुकदमे में फँसाया गया। ज्योति ने यह भी कहा कि आधी रात को बिना महिला कांस्टेबल के उनके कमरे में छापामारी की गई, जो नियमों के भी ख़िलाफ़ है और उसी को लेकर बहस हुई थी।

फिलहाल जमानत मिलने के बाद सियासी गलियारों में गर्मी फिर बढ़ गई है, और यह मामला चुनावी माहौल में एक नया मोड़ ले आया है।

रिपोर्ट- रंजन कुमार