अगहन मास में भगवान का इस तरह से करें ध्यान, मंत्रों का जाप करने से मिलेगी पॉजिटिविटी
भगवान का ध्यान करने से माना जाता है आधी से ज्यादा परेशानियां ऐसे ही दूर हो जाती है। अगर आप इस तरह से भगवान का मंत्र जपते हैं, तो ये आपके सेहत के लिए बेहद अच्छा होगा।
अभी मार्गशीर्ष मास चल रहा है। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण के पौराणिक मंदिरों और तीर्थों में दर्शन-पूजन करने की परंपरा है। इन दिनों में पूजा-पाठ के साथ ही श्रीकृष्ण के ग्रंथ और उनकी कथाएं भी पढ़ी-सुनी जाती हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में अर्जुन से कहा है कि मासानां मार्गशीर्षोऽहम् यानी मार्गशीर्ष मास मेरा ही स्वरूप है। हिन्दी पंचांग में महीने की अंतिम तिथि पूर्णिमा पर जो नक्षत्र रहता है, उस नक्षत्र के नाम पर ही महीने का नाम रखा जाता है। इस महीने की पूर्णिमा पर मृगशिरा नक्षत्र रहता है, इस कारण हिन्दी पंचांग के नवें महीने का नाम मार्गशीर्ष पड़ा है।
अगहन मास में रोज सुबह श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने की परंपरा है। पूजा करते समय भगवान के मंत्रों के साथ ध्यान भी करेंगे तो विचार पॉजिटिव बनेंगे। विचार पॉजिटिव रहेंगे तो काम करते समय उत्साह बना रहेगा और काम में सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
ध्यान करने के लिए किसी ऐसी जगह का चयन करें, जहां साफ-सफाई हो। ध्यान करते समय अगर इधर-उधर से आवाजें सुनाई देती हैं तो मन एकाग्र नहीं हो पाता है और हम ध्यान नहीं कर पाते हैं। इसलिए ध्यान करने के लिए किसी शांत जगह का चयन करें। आसान बिछाकर अपनी सुविधा के अनुसार पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं।
आंखें बंद करके अपना पूरा ध्यान दोनों आंखों के बीच आज्ञा चक्र पर लगाएं। ध्यान करते समय सोच-विचार करने से बचें। मन में कोई विचार न रखें। मन शांत रहेगा, ध्यान ठीक से कर पाएंगे। इस दौरान मंत्र जप भी कर सकते हैं। आप चाहें तो श्रीकृष्ण के मंत्र कृं कृष्णाय नम: का जप कर सकते हैं। ध्यान करने का समय अपनी सुविधा के अनुसार तय कर सकते हैं। आप जितनी देर चाहें, ध्यान कर सकते हैं।
ध्यान करते समय सांस लेने और छोड़ने की क्रिया सामान्य रखनी चाहिए। ध्यान की अवस्था में बैठते समय हमें अपनी रीढ़ हड्डी को सीधा रखना चाहिए। इस महीने में रोज ध्यान करें और इस महीने के बाद भी ध्यान को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बना लें। लंबे समय तक ध्यान करते रहेंगे तो मन शांत बना रहेगा।