Sai Shiv Krupa Temple: भक्ति भाव में डूबा मंशा पूरण देवी श्री साई शिव कृपा मंदिर का 15वां स्थापना वार्षिकोत्सव

Sai Shiv Krupa Temple
Sai Shiv Krupa Temple- फोटो : news4nation

Sai Shiv Krupa Temple: पटना के राजा बाजार स्थित मंशा पूरण देवी श्री साई शिव कृपा मंदिर का 15वां स्थापना दिवस रविवार, 19 जनवरी से धार्मिक उत्साह और श्रद्धा के साथ प्रारंभ हुआ। दो दिवसीय इस वार्षिकोत्सव में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर मंदिर परिसर में विविध धार्मिक अनुष्ठान और संगीतमय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।  

  

रविवार को सुबह सत्यनारायण भगवान की पूजा-अर्चना के बाद दोपहर 1 बजे मंदिर परिसर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा राजवंशी नगर के हनुमान मंदिर और खाजपुरा शिव मंदिर होते हुए पुनः मंदिर परिसर में संपन्न हुई। शोभायात्रा में गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़ों और भक्तिपूर्ण गीतों से माहौल पूरी तरह साईंमय हो गया।  


साईं बाबा के भजनों जैसे "साईं नाथ तेरे हजारों हाथ", "शिरडी वाले साईं बाबा" और "ओम साईं राम साईं" पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी भक्ति में लीन होकर शोभायात्रा में शामिल हुए। शोभायात्रा का प्रमुख आकर्षण शिरडी के तर्ज पर बना भव्य रथ था, जिस पर साईं बाबा की प्रतिमा को सुशोभित किया गया था।  



सुबह 7 बजे आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सत्यनारायण भगवान की पूजा का आयोजन हुआ। पूजा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए भक्तों को सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया।  शाम को मंदिर प्रांगण में भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें मशहूर भजन गायकों ने "दर पर आके तेरे साईं बाबा कुछ सुनाने का दिल चाहता है" और "मेरे साईं की अद्भुत है माया" जैसे भजनों की प्रस्तुति दी। श्रद्धालु भजनों की लय पर भावविभोर होकर झूमते रहे।  वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन, 20 जनवरी को विशेष पूजन और हवन का आयोजन होगा। इसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।  


  

मंशा पूरण देवी श्री साई शिव कृपा मंदिर वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग साईं बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं। स्थापना दिवस के अवसर पर मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव अरविंद कुमार ने कहा, "यह मंदिर न केवल श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।"  


भक्ति और श्रद्धा के इस आयोजन ने पूरे पटना को साईंमय बना दिया। श्रद्धालुओं ने इस अवसर को दिव्य अनुभव के रूप में संजोया।

वंदना की रिपोर्ट

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