Bihar News: होम्योपैथी दवा खाएं हैं सर.... मंत्री के कार्यक्रम में शराब के नशे में टली होकर पहुंचे CM नीतीश के अफसर, डीएम ने पकड़ लिया

Bihar News: शराबबंदी वाले बिहार में अब सीएम नीतीश के अफसर ही शराब के नशे में घूम रहे हैं। शराब के नशे में अफसर सरकारी कार्यक्रम में भी पहुंच जा रहे हैं। ऐसा मामला सुपौल से सामने आया है। पढ़िए आगे..

सीएम नीतीश के शराबी अफसर - फोटो : social media

Bihar News: अरे सर दारु नहीं पिए हैं होम्योपैथी दवा खाएं हैं...यह कहना था सीएम नीतीश के अफसर का जब वो नशे में बिहार सरकार के मंत्री के कार्यक्रम में पहुंचे। ज्ञात हो कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है बावजूद इसके आम से लेकर खास लोग तक इसका सेवन कर रहे हैं। ताजा मामला बिहार के सुपौल जिले का है। जहां मंत्री नीरज कुमार बबलू के कार्यक्रम में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब मंच पर मौजूद जिला मत्स्य पदाधिकारी शंभु कुमार शराब के नशे में पाए गए। शक होने पर जिलाधिकारी सावन कुमार ने उनकी ब्रेथ एनालाइजर से जांच कराई, जिसमें 10 मिलीग्राम अल्कोहल की पुष्टि हुई। इसके बाद डीएम ने उन्हें तुरंत जेल भिजवा दिया और विभागीय कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए।

मंत्री के कार्यक्रम में मंच पर चढ़े नशे में

दरअसल, सुपौल के टाउन हॉल में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा मछुआरा दिवस पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री नीरज सिंह बबलू थे। इसी दौरान मंच पर मत्स्य पदाधिकारी शंभु कुमार की गतिविधियां डीएम को संदिग्ध लगीं। पास बुलाने पर उनके मुंह से शराब की गंध आने पर डीएम ने तुरंत कार्रवाई की।

डीएम ने भेजवाया जेल 

डीएम ने शंभु कुमार को सर्किट हाउस बुलवाया और उत्पाद विभाग को सूचना दी। वहां पहुंची टीम ने ब्रेथ एनालाइजर से जांच की, जिसमें शराब की पुष्टि हुई। इसके बाद उत्पाद विभाग की टीम उन्हें थाने ले गई, जहां ब्लड सैंपल लिया गया और एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया।

'दारू नहीं, होम्योपैथी दवा खाई है'

गिरफ्तारी के वक्त शंभु कुमार बार-बार यही कहते रहे कि उन्होंने शराब नहीं, बल्कि उल्टी के बाद होम्योपैथिक दवा खाई थी। जिसकी गंध शराब जैसी होती है। जिलाधिकारी सावन कुमार ने बताया कि मत्स्य पदाधिकारी शंभु कुमार पहले भी शराब पीते पकड़े जा चुके हैं। मार्च 2024 में नेपाल से शराब पीकर लौटते वक्त भीमनगर इंडो-नेपाल बॉर्डर पर उनकी ब्रेथ एनालाइजर जांच में शराब की पुष्टि हुई थी। तब विभाग के अधिकारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की थी और कोर्ट में चोरी-छिपे जुर्माना भी भरवाया गया था। डीएम ने मत्स्य पदाधिकारी के निलंबन की अनुशंसा कर दी है।