Raid at CO house: बिहार का सीओ निकला घोटालेबाज, सर्टिफिकेट में भी किया घोटाला, पास कर ली BPSC परीक्षा, CO पत्नी के घर भी छापेमारी

Raid at CO house: बिहार का सीओ बड़ा घोटालेबाज निकला है। सीओ की घोटालेबाजी निगरानी विभाग की छापेमारी में सामने आ गया है। निगरानी विभाग ने भ्रष्ट सीओ और उसकी पत्नी सीओ के आवास पर छापेमारी की है...

सीओ के घर छापेमारी
Raid at CO house- फोटो : social media

Raid at CO house:  बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई की कार्रवाई जारी है। निगरानी विभाग एक के बाद एक भ्रष्ट अधिकारियों के आवास पर छापेमारी कर रही है। इसी कड़ी में निगरानी विभाग ने बुधवार को सुपौल के निलंबित अंचलाधिकारी (सीओ) प्रिंस राज के मधुबनी और शेखपुरा स्थित ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। इस छापेमारी में प्रिंस राज की आय से 93 प्रतिशत अधिक अवैध संपत्ति के सबूत मिले हैं। इसके साथ ही, उनकी शैक्षणिक योग्यता और पहचान से जुड़े गंभीर फर्जीवाड़े का भी खुलासा हुआ है।

छह साल में करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित

एसवीयू की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वर्ष 2019 में सेवा में आने के बाद प्रिंस राज ने विभिन्न पदस्थापनों के दौरान अकूत संपत्ति अर्जित की। छापेमारी में कई मकान, फ्लैट, बैंक खातों, फिक्स डिपॉजिट, लाखों रुपये के सोने-चांदी के जेवरात और संदिग्ध लेन-देन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं। उनकी पत्नी अंकु गुप्ता, जो खुद शेखपुरा जिले के अरियरी प्रखंड की सीओ हैं, के नाम पर भी बेशुमार संपत्ति और बैंक लॉकर की जानकारी मिली है।

असली नाम छिपाया, फर्जी सर्टिफिकेट से पास की बीपीएससी परीक्षा

निगरानी विभाग को जांच में यह भी पता चला कि प्रिंस राज का असली नाम धर्मेंद्र कुमार है। उन्होंने द्वितीय श्रेणी से मैट्रिक पास किया था जो तकनीकी संस्थानों में प्रवेश के लिए मान्य नहीं था। इसके बाद उन्होंने प्रिंस राज के नाम से फर्जी मैट्रिक प्रमाण पत्र बनवाया और उसी के आधार पर बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा पास की। साथ ही उन्होंने अपने जन्मतिथि में हेराफेरी कर चार वर्षों का अनुचित लाभ भी उठाया।

सीओ पत्नी अंकु गुप्ता के आवास पर भी दबिश

शेखपुरा में जब निगरानी की टीम ने सीओ अंकु गुप्ता के आवास पर छापा मारा तो वह अपने तीन माह के नवजात को छोड़कर पड़ोस में छिप गईं। कई घंटों की तलाश के बाद उन्हें पकड़ा गया। छापेमारी के दौरान 35 हजार रुपये नकद और जमीन व निवेश से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए गए। टीम अंकु गुप्ता और नवजात को लेकर हजारीबाग जहां उनके नाम पर संपत्ति है रवाना हो गई। वहीं प्रिंस राज के पैतृक गांव झिटकी, मधुबनी में भी पांच घंटे तक छापेमारी चली और कई दस्तावेज जब्त किए गए।

छापेमारी में अब तक बरामद मुख्य संपत्तियां

मधुबनी, शेखपुरा और हजारीबाग में आवासीय परिसरों की जानकारी, निर्माणाधीन मकान (मधुबनी रेलवे स्टेशन के पास), पत्नी के नाम बैंक ऑफ इंडिया, हजारीबाग में लॉकर, प्रिंस राज और पत्नी के नाम कई बैंक खाते और फिक्स डिपॉजिट, लाखों रुपये के जेवरात और नकद राशि, फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र और जन्मतिथि हेराफेरी के सबूत

प्रिंस राज क्यों हुए थे निलंबित

प्रिंस राज को सुपौल जिले में गैर मजरूआ आम भूमि पर दाखिल-खारिज की अनियमितता के चलते निलंबित किया गया था। उनके ऊपर बसबिट्टी और गमदतपट्टी क्षेत्र में करीब 50 गैरकानूनी दाखिल-खारिज मंजूर करने का आरोप है। एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संयुक्त सचिव अनिल पांडेय ने उन्हें निलंबित किया था।

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