Bihar Flood: बाढ़ ने नाव पर समेट दिया घर- संसार, आसमान बना छत - सड़क को बनाया बिछौना, बेबसी का बसेरा ही सबका ठिकाना
Bihar Flood News : बाढ़ ने बिहार में लाखों परिवारों का घर-संसार एक नाव पर समेट दिया है. एक एक सामान जुटाने में जीवन भर की जो जद्दोजहद थी उसे कोसी और गंडक ने पल भर में बहा दिया है. बिहार के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में बाढ़ का कहर बरपा है. जलप्रलय से जूझते उत्तर बिहार में अब चारों ओर तबाही का मंजर दिख रहा है. ऐसे में नाव ही बाढ़ से घिरे इलाके से लोगों के बाहर आने के अंतिम और एक मात्र सहारा है. इतना ही नहीं एक छोटी सी नाव पर पूरा घर उठाकर लोग उंचे स्थानों पर आ गए हैं.
बाढ़ प्रभावित इलाकों से जीवन के संघर्ष को बेबस नजरों से देखती ऐसी ही कई तस्वीरें सामने आई हैं. जैसे सहरसा के महिषी प्रखंड में पश्चिमी कोसी तटबंध के टूटने के बाद हाहाकार मच गया. देर रात चीख पुकार मची. एक साथ दर्जनों पंचायतों पर बाढ़ का तांडव कहर बरपा रहा है. लोगों को घरबार छोड़ने की बेबसी आई तो नाव पर सबकुछ समेट लाये. नाव पर बोरी और मोटरी में बांधकर खाने का अनाज, पहनने का कपड़ा सहित खाना बनाने का चूल्हा, बर्तन, खटिया, बिछौना सब रखकर लोग किनारे पर ले आए. घर में मर्द नहीं था तो औरतें खुद ही नाव खेवते अपना घर-संसार बचाकर किनारे ले आई. छोटे छोटे बच्चे भी बेबसी के दौर में मानो सामने विपदा देख प्रौढ़ से हो गए. बच्चे भी अपने घर-आंगन को पानी में डूबा देख अपनी मासूमियत छोड़ चुके हैं.
कल तक जिनका गांव गुलजार था. आंगन में खुशियां थी. आज वे सबको कुछ समेटकर दूर सड़क पर आ गए हैं. यहीं सड़क किनारे डेरा डालकर अब अपना बसेरा बना लिया है. अपने साथ लाये राशन पानी से यहीं चूल्हा-चौका जल रहा है. कल तक जिन्हें पलंग, चौकी और खटिया के बिना नींद नहीं आती थी आज वे जमीन पर निढाल पड़े हैं. जिन बच्चों को सुलाने के लिए माँ को घंटों लोरियां सुनानी पड़ती थी आज वे बच्चे सड़क पर ही बेसुध सोए है.