Budget 2025 : बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ा ऐलान, टैक्स में दी गई बड़ी छूट, निर्मला सीतारमण ने दी बड़ी राहत
Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 3.0 का पहला और अपना 8वां बजट पेश किया है। वित्त मंत्री ने बजट में वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत दी है।
Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 पेश करते हुए लगातार आठवीं बार बजट प्रस्तुत करने का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने आज मोदी 3.0 का पहला और भारत का 79वां बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में बुजुर्गों के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। अब वरिष्ठ नागरिक चार साल तक अपडेटेड रिटर्न भर सकेंगे। जो पहले केवल दो साल तक सीमित था। इसके अलावा, उनके लिए कर छूट का भी ऐलान किया गया है। साथ ही, टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है।
वरिष्ठ नागरिकों और स्टार्टअप्स को राहत
वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों की ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा को दोगुना कर 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। इसके अलावा, किराये पर टीडीएस की सीमा को 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है। स्टार्टअप्स को भी राहत देते हुए कर लाभ प्राप्त करने के लिए उनके निगमन की अवधि को पांच साल तक बढ़ा दिया गया है।
12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
मध्यम वर्ग को राहत देते हुए सरकार ने 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर छूट देने की घोषणा की है। इसके अलावा, टीडीएस व्यवस्था को अधिक सरल और प्रभावी बनाने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। अगले सप्ताह सरकार संसद में एक नया आयकर विधेयक पेश करने वाली है।
राष्ट्रीय बचत योजना (NSS) पर कर छूट
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अगस्त 2024 या उसके बाद राष्ट्रीय बचत योजना (NSS) खातों से निकासी पर कोई कर नहीं लगेगा। साथ ही, यदि शिक्षा के लिए लिया गया ऋण चुकाने के दौरान विप्रेषण किया जाता है, तो उस पर टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) माफ कर दिया जाएगा।
संक्षेप में बजट की प्रमुख घोषणाएं
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई।
किराये पर टीडीएस की वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई।
भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत धन प्रेषण योजना (LRS) के तहत धन प्रेषण पर टीसीएस की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई।
उच्च टीडीएस कटौती के प्रावधान केवल गैर-पैन मामलों पर लागू होंगे।