BUDGET 2025 : बिहार पर क्यों मेहरबान हुई मोदी सरकार, बजट में वित्त मंत्री की दरियादिली दिखाने का कारण जानकर हो जाएंगे हैरान, बड़ा लाभ लेने की तैयारी में भाजपा
बिहार के नाम पर इस वर्ष के आम बजट में एक साथ कई घोषणाओं के पीछे मोदी सरकार की एक बड़ी रणनीति मानी जा रही है. इसका बड़ा लाभ भाजपा अपने लिए लेने की कोशिश बिहार में करेगी.
BUDGET 2025 : केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट में बिहार को लेकर कई प्रकार की घोषनाएं की. इन घोषणाओं को बिहार के विकास के लिए नजीर माना जा रहा है. लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि इन घोषणाओं का एक अन्य प्रमुख कारण है. इसका बड़ा लाभ भाजपा बिहार इ उठाना चाहती है जो अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे के सहारे भी बिहार के सियासत कर रही है. अब इस बजट द्वारा भाजपा अपने लिए राज्य में नए द्वार खोलने की कोशिश में है.
बिहार में इस वर्ष ही विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में बजट में एक साथ कई सेक्टरों को लेकर हुई घोषणाओं से बिहार के मतदाताओं का दिल जितने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. इससे आगे आने वाले चुनाव में भाजपा इसे अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर सकती है कि अगर बिहार में भाजपा को बहुमत मिले तो इसी तरह से राज्य के विकास के लिए अन्य काम होंगे.
बजट 2025-26 में बिहार एक बड़े विजेता के रूप में उभरा है. इसका एक बड़ा कारण इस वर्ष का विधानसभा चुनाव माना जा रहा है. बिहार को मिले प्रमुख तोहफे में मखाना बोर्ड की स्थापना, एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा तथा राज्य के मिथिलांचल क्षेत्र में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता शामिल है. इसके साथ ही आईआईटी और खाद्य प्रसंस्करण टेक्नोलॉजी के लिए बड़ी घोषनाएं भी शामिल रही.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना और आईआईटी पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता के विस्तार की भी घोषणा की. बिहार के लिए की गई अन्य घोषणाओं में पटना हवाई अड्डे की क्षमता विस्तार और बिहटा में ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे का विकास शामिल है. राज्य में मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा, बिहार के लोगों के लिए एक विशेष अवसर है। मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार के लिए राज्य में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी.
पूर्वोदय से बिहार को फायदा
इसके अलावा, सीतारमण ने कहा कि "पूर्वोदय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, हम बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना करेंगे". पूर्वोदय योजना के तहत, सरकार बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को कवर करते हुए पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा तैयार कर रही है. यह संस्थान पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को मजबूत बढ़ावा देगा. इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी, क्योंकि उनकी उपज का मूल्य संवर्धन होगा और युवाओं के लिए कौशल, उद्यमिता और रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
मिथिलांचल पर मेहरबानी
वित्त मंत्री ने बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के लिए भी सहायता की घोषणा की. उन्होंने कहा, पश्चिमी कोशी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिलेगा.
आईआईटी पटना और एयरपोर्ट पर घोषणा
उन्होंने आईआईटी पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता के विस्तार की भी घोषणा की. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा दी जाएगी.
बिहार विधानसभा चुनाव पर नजर
सियासी जानकारों का मानना है कि बिहार का नाम लेकर इन घोषणाओं के करने का एक प्रमुख कारण बिहार विधानसभा चुनाव है. चुनाव के पहले इन घोषणाओं से मतदाताओं को एक प्रमुख संदेश देने की कोशिश है कि बिहार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष ध्यान देते हैं. इन घोषणाओं को चुनाव के दौरान भुनाने की बड़ी कोशिश की जा सकती है.