भारत में वेज और नॉन-वेज थालियों की कीमतों में बदलाव, फरवरी में मिली राहत और महंगाई का असर

वेजिटेरियन और नॉन-वेज थालियों की कीमतों में इस तरह का उतार-चढ़ाव उपभोक्ताओं के बजट पर प्रभाव डाल सकता है।

veg and non veg thali
veg and non veg thali- फोटो : Social Media

फरवरी 2025 में भारत में घरेलू वेजिटेरियन थाली की कीमत में हल्की गिरावट देखी गई है, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। क्रिसिल द्वारा जारी किए गए 'RRR: राइस रोटी रेट' रिपोर्ट के अनुसार, वेजिटेरियन थाली की कीमत सालाना आधार पर 1% घटकर ₹27.2 हो गई, जबकि फरवरी 2024 में यह ₹27.5 थी।

कंपनी के मंथली फूड प्लेट कॉस्ट इंडिकेटर के मुताबिक, वेजिटेरियन थाली की कीमत जनवरी की तुलना में भी 5% घट गई। जनवरी में वेज थाली की कीमत ₹28.7 थी, जो फरवरी में ₹27.2 पर आ गई। यह गिरावट भले ही मामूली हो, लेकिन एक साल के दौरान यह उपभोक्ताओं के लिए राहत का कारण बनी है।

इसके विपरीत, नॉन-वेज थाली की कीमतों में सालाना आधार पर 6% का इजाफा हुआ है। फरवरी 2025 में नॉन-वेज थाली की कीमत ₹57.4 पहुंच गई, जबकि फरवरी 2024 में यह ₹54 थी। यह वृद्धि उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन सकती है, क्योंकि नॉन-वेज थाली में महंगाई का दबाव साफ नजर आ रहा है।

जनवरी के मुकाबले नॉन-वेज थाली की कीमत में 5% की गिरावट आई है। जनवरी में नॉन-वेज थाली ₹60.6 की थी, जो फरवरी में ₹57.4 हो गई। हालांकि, सालाना वृद्धि के बावजूद, महीने भर में कीमतों में यह गिरावट उपभोक्ताओं के लिए कुछ राहत देने वाली है।

नॉन-वेज थालियों की महंगाई मुख्य रूप से मांस और मुर्गे के दामों में बढ़ोतरी के कारण हुई है। पशुपालन और मुर्गी पालन में लागत का बढ़ना, साथ ही परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियां इस महंगाई का कारण बनी हैं।

वहीं, वेज थाली की कीमतों में गिरावट एक सकारात्मक संकेत है, जो खाद्य आपूर्ति में सुधार और मौसम की स्थिति पर निर्भर करता है। भारतीय कृषि क्षेत्र में बेहतर उत्पादन के कारण सब्जियों की आपूर्ति में भी वृद्धि हुई है, जिससे इनकी कीमतों में स्थिरता देखी जा रही है।

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