TCS layoffs: TCS की 12,000 कर्मचारियों की छंटनी पर सरकार की सख्ती! श्रम मंत्रालय को मिला नोटिस
TCS layoffs: TCS की तरफ से 12,000 कर्मचारियों की छंटनी और नई भर्तियों पर रोक के फैसले पर भारत सरकार की सख्ती। जानें श्रम मंत्रालय की प्रतिक्रिया, NITES की शिकायत और पूरा मामला।
TCS layoffs: भारत की शीर्ष IT फर्म टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने हाल ही में करीब 2% कार्यबल यानी लगभग 12,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही कंपनी ने 600 नए पेशेवरों की नियुक्ति को भी रोक दिया है। कंपनी का दावा है कि यह निर्णय "भविष्य के लिए तैयार" संगठन बनने की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बाजार विस्तार और कार्यबल पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
हालांकि, यह निर्णय सिर्फ रणनीतिक नहीं बल्कि विवादास्पद भी बन गया है क्योंकि कर्मचारियों के संगठन NITES ने इसे अनैतिक, अमानवीय और अवैध” करार दिया है। TCS पर आरोप है कि उन्होंने छंटनी के लिए आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।
सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया और श्रम मंत्रालय का हस्तक्षेप
जैसे ही NITES ने अपनी शिकायत श्रम मंत्रालय के चीफ लेबर कमिश्नर को सौंपी, मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए TCS को 1 अगस्त को उपस्थित होने का समन जारी किया। समन दो मुख्य कारणों पर आधारित है:
करीब 12,000 कर्मचारियों की अचानक छंटनी।
600 नए पेशेवरों की प्रस्तावित नियुक्ति को रोक देना।
श्रम मंत्रालय ने कंपनी से इन दोनों मामलों पर विस्तृत जानकारी मांगी है। यह कदम IT क्षेत्र में नौकरी सुरक्षा से संबंधित सरकार की सतर्कता को दर्शाता है, जो भविष्य में अन्य कंपनियों के लिए उदाहरण बनेगा।
NITES का आरोप गोपनीय छंटनी और कानून का उल्लंघन
NITES (Nascent Information Technology Employees Senate) का कहना है कि TCS ने सेवा में एक वर्ष से अधिक समय तक कार्य कर चुके कर्मचारियों को बिना नोटिस, बिना मुआवजा और बिना सरकारी सूचना के नौकरी से हटा दिया, जो औद्योगिक विवाद अधिनियम और श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन है।
हरप्रीत सिंह सलूजा, NITES के अध्यक्ष, ने TCS की इस कार्रवाई को "कॉरपोरेट शब्दाडंबर में छिपी सामूहिक बर्खास्तगी" कहा। उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि इतनी बड़ी IT कंपनी को बिना उचित प्रक्रिया के छंटनी की अनुमति दी जाती है, तो यह पूरे इंडस्ट्री के लिए एक खतरनाक मिसाल बन जाएगी।
TCS का बचाव
TCS का कहना है कि यह निर्णय भविष्य की मांगों को देखते हुए लिया गया है। कंपनी का यह भी दावा है कि जिन कर्मचारियों को निकाला गया है, उन्हें नौकरी ढूँढने, मानसिक परामर्श और उचित लाभ देने में मदद की जाएगी। यह आश्वासन हालांकि कानूनी जिम्मेदारियों की जगह नहीं ले सकता, खासकर जब कंपनी पर श्रम कानूनों के उल्लंघन का आरोप हो।
IT सेक्टर में बढ़ती अनिश्चितता और कर्मचारियों की भूमिका
यह घटना केवल एक कंपनी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक संकेत है कि भारत के IT सेक्टर में तकनीकी बदलावों और ऑटोमेशन के चलते कार्यबल में उथल-पुथल बढ़ रही है। AI और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों के बढ़ते उपयोग से कई मौजूदा नौकरियाँ खतरे में हैं। ऐसे में कर्मचारियों के संगठन जैसे NITES की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।