महंगाई पर राहत की बौछार: फरवरी में घटी खुदरा महंगाई, 7 महीने के निचले स्तर पर पहुँची

सरकार लगातार महंगाई पर काबू पाने के लिए प्रयास कर रही है। कुछ महीने पहले तक महंगाई दर 6% के करीब पहुंच रही थी, लेकिन नीतिगत फैसलों और बेहतर आपूर्ति प्रबंधन के कारण इसमें गिरावट आई है।

Inflation
Inflation- फोटो : Social Media

देशभर के उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर आई है। फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) घटकर 3.61% पर आ गई है, जो पिछले 7 महीनों का निचला स्तर है। महंगाई में यह गिरावट मुख्य रूप से दालों और सब्जियों की कीमतों में कमी के कारण आई है। इससे पहले जुलाई 2024 में महंगाई 3.54% के स्तर पर थी, जबकि जनवरी 2025 में यह 4.31% थी।

महंगाई से राहत: खाने-पीने की चीजें हुईं सस्ती

महंगाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो इसमें सबसे बड़ा योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है, जो कुल खुदरा महंगाई बास्केट का लगभग 50% हिस्सा रखती हैं। फरवरी में खाद्य महंगाई दर 5.97% से घटकर 3.75% हो गई, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिली है।

सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय ने 12 मार्च को महंगाई के यह आंकड़े जारी किए, जिसमें यह साफ दिखा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महंगाई दर घटी है।

  • ग्रामीण महंगाई 4.59% से गिरकर 3.79% हो गई।
  • शहरी महंगाई 3.87% से घटकर 3.32% हो गई।

कैसे आई महंगाई में गिरावट?

विश्लेषकों का मानना है कि सरकार के हस्तक्षेप और आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर करने के उपायों की वजह से खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आई है। खासकर, दालों और सब्जियों के दाम कम होने से खाने-पीने की चीजें सस्ती हुई हैं।

इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतियों ने भी महंगाई को काबू में रखने में मदद की है।

जनता को और राहत मिलेगी?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह गिरावट जारी रही, तो आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती की संभावना भी बन सकती है। इससे लोन सस्ता होगा और बाजार में खरीदारी बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।

हालांकि, गर्मियों में अनाज, फल और दूध जैसी जरूरी चीजों की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसलिए, सरकार को अभी भी खाद्य सुरक्षा और सप्लाई चेन को मजबूत बनाए रखने की जरूरत होगी।

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