विदेश में MBBS करने के लिए करना होगा ये काम, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

विदेश में MBBS करने की योजना बना रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के मुताबिक, अब आपको एक जरूरी शर्त पूरी करनी होगी। बिना इसे पूरा किए मेडिकल एडमिशन संभव नहीं होगा। अगर आप भी विदेश में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है!

विदेश में MBBS करने के लिए करना होगा ये काम, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

कुछ छात्र विदेश में जाकर मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन अब उनके लिए एक महत्वपूर्ण शर्त पूरी करना अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि विदेश में डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए NEET-UG पास करना जरूरी रहेगा। अदालत ने इस नियम को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह पूरी तरह वैध और आवश्यक है।

दरअसल, भारत में मेडिकल शिक्षा के स्तर को बनाए रखने के लिए 2018 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (अब नेशनल मेडिकल कमीशन) ने एक नियम लागू किया था। इसके तहत किसी भी छात्र को विदेश में अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में प्रवेश लेने से पहले NEET-UG परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विदेश में पढ़ाई करके भारत लौटने वाले छात्र आवश्यक योग्यता और कौशल रखते हों।

अदालत का फैसला - नियम पारदर्शी और निष्पक्ष

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के लिए NEET-UG की अनिवार्यता पूरी तरह से उचित और पारदर्शी उपाय है। यह नियम चिकित्सा शिक्षा के उच्च मानकों को बनाए रखने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा कि यह प्रावधान ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन, 1997 के अनुरूप है और इसे बदलने की कोई जरूरत नहीं है।

विदेश में पढ़ाई पर कोई रोक नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नियम छात्रों को विदेश में जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने से नहीं रोकता। यदि कोई छात्र विदेश में MBBS करना चाहता है, तो उसे पहले NEET-UG पास करना होगा। अदालत ने कहा कि इस नियम को चुनौती देकर कोई भी छात्र छूट की मांग नहीं कर सकता, क्योंकि यह एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया का हिस्सा है।

इसलिए, जो छात्र विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें पहले NEET-UG परीक्षा पास करनी होगी। बिना इसे पास किए विदेश में दाखिला लेना संभव नहीं होगा।

Editor's Picks