Sarkari Naukri: बिहार में जल्द होगी 6500 पुस्तकालयाध्यक्षों की बंपर भर्ती, विधानसभा चुनाव से पहले नियुक्ति, इतना होगा वेतन, बीपीएससी इतने अंकों की लेगी परीक्षा

Sarkari Naukri:सरकारी हाईस्कूलों में 14 साल बाद दूसरी बार पुस्तकालयों को नई जान मिलने वाली है। शिक्षा विभाग ने लगभग 6500 पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति होने वाली है।

बिहार में पुस्तकालयाध्यक्षों की बंपर भर्ती- फोटो : social media

Jobs in Bihar:बिहार के सरकारी हाईस्कूलों में 14 साल बाद दूसरी बार पुस्तकालयाध्यक्षों की भर्ती होने जा रही है। शिक्षा विभाग ने 6500 पदों पर भर्ती के लिए 'विद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष नियुक्ति नियमावली' तैयार कर ली है। अब देखना यह है कि यह नियमावली कब तक हरी झंडी दिखाती है और बेरोजगार युवाओं के सपनों को पंख लगाती है।

 नेगेटिव मार्किंग नहीं, सिर्फ पॉजिटिव!

पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के जरिए होगी। 100 अंकों की वस्तुनिष्ठ (MCQ) परीक्षा होगी, जिसमें गलत जवाब पर कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी। यानी, उम्मीदवार दिल खोलकर 'तुक्का' लगा सकते हैं!

शिक्षकों के बराबर 'शाही वेतन': पेंशन और सुविधाएं भी टॉप क्लास!

पुस्तकालयाध्यक्षों को हाईस्कूल शिक्षकों के बराबर वेतनमान मिलेगा। साथ ही, नई पेंशन योजना (NPS) और 60 साल की रिटायरमेंट एज भी मिलेगी। यानी, यह नौकरी न सिर्फ रोजगार देगी, बल्कि भविष्य को भी सुरक्षित करेगी।

2010-11 की 'अधूरी कहानी': संविदा से नियमित तक का सफर!

2010-11 में 2596 पदों पर संविदा आधारित भर्ती हुई थी, लेकिन सिर्फ 2100 लोग ही नियुक्त हो पाए थे। अब शिक्षा विभाग ने संविदा की जगह नियमित भर्ती का फैसला किया है, जो युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है।

डिग्रीधारकों की 'लंबी लड़ाई': पुस्तकालयों को मिलेगा 'डिजिटल मेकओवर'!

बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (B.Lib) और मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (M.Lib) डिग्रीधारक लंबे समय से भर्ती की मांग कर रहे थे। अब उनकी मेहनत रंग लाने वाली है। उम्मीद है कि नई नियुक्तियों से स्कूलों के पुस्तकालयों को डिजिटल और आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी।

सियासी 'चुनावी दांव': युवाओं को लुभाने की कोशिश?

2025 विधानसभा चुनाव से पहले इस भर्ती को सत्तारूढ़ जदयू-भाजपा गठबंधन का 'मास्टरस्ट्रोक' माना जा रहा है। विपक्षी राजद और कांग्रेस ने इसे 'चुनावी स्टंट' करार दिया है। अब देखना यह है कि यह भर्ती युवाओं को कितना लुभा पाती है।

आगे क्या होगा? 'नियमावली' की मंजूरी और 'भर्ती' का इंतजार!

शिक्षा विभाग ने नियमावली को वित्त और विधि विभाग की मंजूरी के लिए भेजा है। इसके बाद राज्य पदवर्ग समिति और मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलेगी। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो अगले कुछ महीनों में बिहार के हाईस्कूलों में 6500 नए पुस्तकालयाध्यक्ष अपनी सेवाएं शुरू कर देंगे।

यह भर्ती न सिर्फ बेरोजगार युवाओं को रोजगार देगी, बल्कि बिहार के शिक्षा व्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। अब देखना यह है कि यह 'भर्ती' की कहानी कब तक पूरी होती है और बिहार के पुस्तकालयों में कब तक 'ज्ञान की गंगा' बहती है।