MLA Booked Cinema Hall: BJP विधायक ने सिनेमा हॉल को 12 दिन के लिए किया बुक,फ्री में दिखाएंगे लोगों को फिल्म,पैसे की चिंता नहीं

फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' एक ऐसा माध्यम बन गई है, जो कला और राजनीति के जटिल संबंधों को दर्शाती है। इसकी स्क्रीनिंग और टैक्स छूट जैसे मुद्दों पर उभरे विवाद भारतीय राजनीति में सिनेमा के प्रभाव को रेखांकित करते हैं।

MLA Booked Cinema Hall: BJP विधायक ने सिनेमा हॉल को 12 दिन के लिए किया बुक,फ्री में दिखाएंगे लोगों को फिल्म,पैसे की चिंता नहीं
BJP विधायक ने सिनेमा हॉल किया बुक- फोटो : social media

MLA Booked Sinema Hall: छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' को अपने विधानसभा क्षेत्र कुरुद के लोगों को दिखाने का अनूठा कदम उठाया है। उन्होंने इसके लिए 27 नवंबर से 8 दिसंबर तक 12 दिनों के लिए एक सिनेमा हॉल बुक किया है।

फ्री में स्क्रीनिंग:

फिल्म को 4000 से अधिक दर्शकों तक पहुंचाने की योजना है। इसके लिए 156 सीटों वाले हॉल में कुल 31 शो आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें लगभग ₹5 लाख का खर्च भाजपा के सहयोग से हो रहा है। चंद्राकर ने कहा कि इस फिल्म में सत्य दिखाया गया है, और हर वर्ग को सत्य जानना चाहिए। फिल्म 'द साबरमती का निर्माण एकता कपूर और अमूल विकास मोहन ने किया है। निर्माता के अनुसार, यह एक तथ्यात्मक और शोध-आधारित फिल्म है जो सच्चाई को उजागर करती है।

फिल्म की पृष्ठभूमि

द साबरमती फिल्म गुजरात के गोधरा कांड की घटनाओं पर आधारित बताई जाती है। इसमें उन परिस्थितियों और घटनाओं को दिखाने का दावा किया गया है, जिन्हें लेकर विवाद और राजनीतिक चर्चाएं होती रही हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का समर्थन:

मुख्यमंत्री ने फिल्म को टैक्स-फ्री घोषित किया और इसे देखने का आग्रह किया। उन्होंने इसे झूठे नैरेटिव को तोड़ने वाली और भविष्य का मार्गदर्शन करने वाली फिल्म बताया।

कांग्रेस का विरोध:

कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने टैक्स छूट पर सवाल उठाए। उन्होंने फिल्म को राजनीतिक एजेंडा और इतिहास को बदलने की कोशिश बताया। गोधरा कांड की सच्चाई पर फिल्म के माध्यम से नेताओं की छवि चमकाने का आरोप लगाया।

फिल्म का सामाजिक संदर्भ

यह फिल्म अतीत की घटनाओं पर आधारित होने के कारण राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है। गोधरा कांड एक संवेदनशील विषय है, और इसे लेकर लंबे समय से राजनीति गर्म रही है। फिल्म पर आरोप है कि यह सत्ताधारी पार्टी के दृष्टिकोण को बढ़ावा देती है।

 


 

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