Vote Adhikar Yatra: "आपके वोट की चोरी नहीं, डकैती हो रही है" तेजस्वी यादव चुनाव आयोग पर जमकर बरसे, खड़गे को अभिभावक, राहुल को बताया बड़ा भाई , सासाराम से महागठबंधन के नेताओं ने भरी हुंकार, गरमाया बिहार का चुनावी मैदान

तेजस्वी यादव ने वोट अधिकार यात्रा की धमाकेदार शुरुआत करते हुए पहले चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “यह आपके वोट की साधारण चोरी नहीं, बल्कि सीधी डकैती है।

Tejashwi Yadav
तेजस्वी का गरजता हमला- फोटो : reporter

Vote Adhikar Yatra:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा अब और चढ़ गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की वोट अधिकार यात्रा की धमाकेदार शुरुआत सासाराम से हो चुकी है। इस यात्रा को लालू प्रसाद यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, भूपेश बघेल, मुकेश सहनी और अन्य नेता मौजूद रहे।

सभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने सबसे पहले चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “यह आपके वोट की साधारण चोरी नहीं, बल्कि सीधी डकैती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहारियों को चूना लगाना चाहते हैं। लेकिन यह बिहार है, जहां चूना खैनी के साथ रगड़ा जाता है। बिहारी गरीब जरूर हैं, लेकिन यहां का बच्चा-बच्चा तीखी मिर्ची वाला काम करता है। हम किसी कीमत पर बेइमानी नहीं होने देंगे।”

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी घेरा और उन पर योजनाओं की नकल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमने 1500 रुपये पेंशन बढ़ाने की घोषणा की, सरकार ने 1100 रुपये बढ़ा दिए। हमने डोमिसाइल, फ्री बिजली और फ्री एग्जाम फॉर्म की बात की, तो नीतीश सरकार ने हमारी घोषणाओं की चोरी कर ली। यह सरकार जनता के सपनों की भी नकल करती है।

अपने भाषण में तेजस्वी यादव ने कांग्रेस नेतृत्व को विशेष सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे हमारे अभिभावक हैं और राहुल गांधी मेरे बड़े भाई। राहुल गांधी ने मोदी सरकार की नाक में दम कर रखा है। यह यात्रा जनता के वोट अधिकार की रक्षा के लिए है। मैं राहुल जी और महागठबंधन के सभी नेताओं को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने बिहार की आवाज बनने का काम किया।”

सासाराम के सुअरा मैदान में उमड़े जनसैलाब ने सभा स्थल को चुनावी रंगमंच बना दिया। भीड़ बार-बार “वोट चोर गद्दी छोड़” और “लोकतंत्र बचाओ” के नारे लगाती रही।

महागठबंधन इस यात्रा को केवल चुनावी कार्यक्रम नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का आंदोलन बताने में जुटा है। तेजस्वी और राहुल की जोड़ी जनता के बीच यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वोटर लिस्ट की कथित विसंगतियां सिर्फ तकनीकी खामी नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

बहरहाल तेजस्वी यादव के आक्रामक तेवरों और राहुल गांधी की मौजूदगी ने इस यात्रा को बिहार के चुनावी परिदृश्य में बड़ा विमर्श बना दिया है।अब देखना यह होगा कि क्या यह जोड़ी महागठबंधन को जनसमर्थन में बदल पाने में सफल होती है या नहीं।