Bihar Crime:रिश्ते की बेरहमी ने ली जान, पत्नी को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा, गांव में सनसनी

Bihar Crime: एक दिल दहला देने वाली क्राइम-स्टोरी सामने आई है। घरेलू विवाद की आग में एक मासूम ज़िंदगी बुझा दी गई।...

रिश्ते की बेरहमी ने ली जान- फोटो : reporter

Bihar Crime:भोजपुर ज़िले के उदवंतनगर थाना क्षेत्र के देवरिया गांव से एक दिल दहला देने वाली क्राइम-स्टोरी सामने आई है। घरेलू विवाद की आग में एक मासूम ज़िंदगी बुझा दी गई। आरोप है कि पति ने अपनी 36 वर्षीय पत्नी रीता कुमारी को बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के हवाले कर दिया। जैसे ही घटना की खबर फैली, गांव में सनसनी और दहशत फैल गई। हर आँख में सवाल घर जिसकी पनाह होता है, वही मौत की कोठरी कैसे बन गया?

मृतका की पहचान देवरिया निवासी छोटे लाल उर्फ़ बूढ़ा की पत्नी रीता कुमारी के रूप में हुई है। शुरुआती सूचना पर पूरा मामला संदिग्ध लगा, लेकिन परिजनों के बयान ने घटना की भयावह तस्वीर साफ़ कर दी। परिजनों ने छोटे लाल सहित ससुराल पक्ष के तीन चार लोगों पर संगीन आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि आधी रात छोटे लाल ने फोन कर बताया कि रीता के पेट में दर्द है, हालत ठीक नहीं। परिजनों को शक नहीं हुआ। लेकिन सुबह जब वे पहुंचे, तो कमरे की ख़ामोशी चीख रही थी, और रीता की लाश बिस्तर पर पड़ी थी।

सबसे भयावह बात रीता के पूरे शरीर पर गंभीर चोटों के निशान। नीले-काले दाग, सूजन और घाव साफ़ बताते थे कि उसे सिर्फ़ मारा नहीं गया... उसे यातनाएँ दी गईं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार है, लेकिन हालात खुद गवाही दे रहे हैं कि मौत स्वाभाविक नहीं, बल्कि निर्मम पिटाई का नतीजा है।

रीता के परिजनों ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि छठ पूजा के दौरान भी उसकी बेरहमी से पिटाई की गई थी। रीता कई दिनों से अपने पति से कह रही थी कि घर की आर्थिक हालत बिगड़ रही है, वह रोज़गार के लिए बाहर जाए और कमाई करे। यही बात छोटे लाल को नागवार गुजरती थी। कहा जा रहा है कि यह विवाद धीरे-धीरे ज़हरीला होता गया और आखिरकार मौत पर जाकर खत्म हुआ। शक है कि उसी गुस्से में रात को रीता पर हमला हुआ और पीट-पीटकर उसकी साँसें छीन ली गईं।

घटना की सूचना मिलने पर उदवंतनगर थानाध्यक्ष दल-बल के साथ मौके पर पहुँचे। पुलिस ने पूरे घर की तलाशी ली और साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं। शव को आरा सदर अस्पताल भेजकर पोस्टमार्टम कराया गया है। फिलहाल छोटे लाल और अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

यह मामला सिर्फ़ हत्या नहीं, बल्कि उस सोच का काला आईना है जहाँ औरत की आवाज़, उसका हक़ और उसकी ज़िंदगी सब बेमायने हो जाते हैं। कानून की पकड़ भले देर से हो, लेकिन अब अपराधी बचें, इसकी उम्मीद कम ही है। गांव में दहशत है, परिजनों में मातम, और समाज के सामने एक कड़वा सवाल कब तक? 

रिपोर्ट- आशीष कुमार