Government Funds: नौकरानी की वजह से बुरा फंस गए सरकारी बाबू! उठा राज से पर्दा, पड़ गए लेने के देने, अब कोर्ट पहुंचा मामला

Government Funds: बिहार के एक उत्पाद अधीक्षक और उनकी घरेलू नौकरानी के बीच विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। नौकरानी ने अधीक्षक पर दुष्कर्म के प्रयास और उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, जबकि अधीक्षक ने उस पर 12 लाख रुपये की चोरी का केस दर्ज कराया था।

नौकरानी ने लगाई मालिक की क्लास!- फोटो : social media

Government Funds: बिहार के उत्पाद विभाग (Excise Department) में तैनात एक उत्पाद अधीक्षक और उनके घर में काम करने वाली नौकरानी के बीच चल रहे विवाद ने अब एक नया और सनसनीखेज मोड़ ले लिया है। कुछ दिनों पहले अधीक्षक ने नौकरानी पर UPI के माध्यम से 12 लाख रुपये उड़ाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में केस दर्ज कराया था, लेकिन मामला तब पलट गया जब उसी नौकरानी ने किशनगंज न्यायालय में अधीक्षक के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास, उत्पीड़न और मारपीट का परिवाद दर्ज कर दिया।अब दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं — और यह विवाद न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि सरकारी फंड के दुरुपयोग से भी जुड़ता जा रहा है।

सरकारी खाते से होती थी नौकरानी की तनख्वाह

इस पूरे मामले में अब नया खुलासा यह हुआ है कि नौकरानी को मिलने वाला भुगतान सरकारी खाते से किया जाता था।जांच में यह सामने आया कि अधीक्षक ने नौकरानी को अपने सरकारी कार्यालय में दैनिक मजदूर (डेली वेजर) के रूप में साफ-सफाई कर्मी दिखाकर बहाल कर रखा था।वास्तव में वह महिला अधीक्षक के घर में घरेलू नौकरानी का काम करती थी, लेकिन उसे सरकारी मद से भुगतान किया जा रहा था। भुगतान बैंक खाते में चेक या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन के माध्यम से सीधे किया जाता था।

पीड़िता का आरोप —कभी दफ्तर में काम नहीं किया, फिर भी साइन करवाते थे

महिला ने बताया कि उन्होंने कभी भी उत्पाद कार्यालय में सफाई का कार्य नहीं किया।फिर भी अधीक्षक समय-समय पर उन्हें कागज़ पर साइन करने के लिए बुलाते थे, ताकि भुगतान दिखाया जा सके।उनका कहना है कि पहले वह ऑफिस बुलाकर रजिस्टर में साइन करवाते थे, लेकिन एक इंस्पेक्टर ने आपत्ति जताई तो अब अपने घर पर ही दस्तावेज़ पर साइन करवाने लगे।इसके बाद मेरे खाते में सरकारी रकम जमा हो जाती थी। महिला ने आगे कहा कि अधीक्षक ने कई बार कहा कि उत्पाद ऑफिस के सबसे बड़े साहब हम ही हैं, कोई कुछ नहीं बोलेगा।”

यौन शोषण और उत्पीड़न के आरोप

महिला ने अपने बयान में यह भी आरोप लगाया है कि अधीक्षक वीडियो कॉल पर परेशान करते थे और काम से हटाने की धमकी देते थे।उन्होंने कहा कि वह बार-बार वीडियो कॉल करते थे और कहते थे कि दिखाओ तुम कहां हो। कई बार उन्होंने जबरन बाहर घुमाने भी ले गए।मैंने विरोध किया तो धमकाने लगे कि नौकरी खत्म कर देंगे।”इन आरोपों को लेकर महिला ने किशनगंज न्यायालय में औपचारिक परिवाद दायर किया है और गुरुवार को न्यायालय ने पीड़िता का बयान दर्ज भी कर लिया है।

उत्पाद अधीक्षक का पक्ष गरीबी में मदद की थी

उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद ने सभी आरोपों को निराधार और झूठा बताया है।उन्होंने कहा कि वह महिला मेरे घर में काम करती थी। गरीब होने के कारण उसे कार्यालय में डेली वेजर के रूप में रखा गया था ताकि उसे कुछ आर्थिक मदद मिल सके।पेमेंट सरकारी नियमों के तहत ही किया गया है।”हालांकि, नौकरानी का कहना है कि उन्होंने कभी कार्यालय में काम नहीं किया, इसलिए सीसीटीवी फुटेज की जांच से सबकुछ साबित हो जाएगा।उनका आरोप है कि अधीक्षक सरकारी पद और सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।